नई दिल्ली: दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के इमामों और मोअज़्ज़िनों को पिछले 9 महीने से तनख़्वाह नहीं मिली। दर असल तनख़्वाह के नाम पर इनको एज़ाज़िया दिया जाता है। एक इमाम को वक़्फ़ बोर्ड की जानिब से 18 हज़ार प्रति माह दिया जाता है। इसी तरह मोअज़्ज़िन को भी 16 हज़ार रुपए प्रति माह दिया जाता है।
ख़ास बात यह है कि तनख्वाहें दिल्ली सरकार की जानिब से नहीं बल्कि वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी से दी जाती है। इमामों का आरोप है किइमामों को सड़क पर लाने की साज़िश की जा रही है।
न्यूज़ वेबसाइट आएनआई की एक रिपोर्टे के मुताबिक़ इमामों से बात भी की लेकिन इन लोगों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया क्योंकि इनको डर है कि अगर ऐसा किया तो या उनको मस्जिद से निकाल दिया जाएगा या फिर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इमामों ने कई मरतबा वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह से भी गुज़ारिश की लेकिन उन्होंने ने भी कुछ नहीं सुना।
इमामों को कहना है कि महंगाई भी मार रही है। पैसे न मिलने के सबब उनके सामने बड़े चैलेंज पैदा हो गए हैं। मालूम हो कि दिल्ली में वक़्फ़ बोर्ड के अंडर में 100 से ज़्यादा मस्जिदें हैं।
केजरीवाल पर हमलावर कांग्रेस
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया कमेटी के चैयरमेन अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा ओमीकॉर्न वायरस कोविड-19 की तीसरी लहर के आगमन के संदेह पर दिए गए वक्तव्य में स्वीकार किया है कि दिल्ली सरकार कोविड की पहली और दूसरी लहर में संक्रमितों को स्वास्थ्य सुविधाऐं देने में पूरी तरह से विफल रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब एक्पर्ट तीसरी लहर की बात पिछले 7-8 महीनों से कह रहे है तो अब जाकर मुख्यमंत्री तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाऐं, बेड, आईसीयू, ऑक्सीजन, दवाईयां आदि बढ़ाने पर कार्यवाही करने के लिए कह रहे है।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि कोविड-19 की लड़ाई दिल्लीवालों ने सूझबूझ से जीती है। दिल्ली के मुखिया अरविन्द केजरीवाल का वास्तविक चेहरा उस समय उजागर हो गया था जब महामारी के संकट में उन्होंने दिल्लीवालों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली में उनकी जिम्मेदार सरकार की बात करना बेमानी है, क्योंकि दिल्ली में स्वास्थ्य क्षमता बढ़ाने की बात कर रहे है, उसमें वह पहले ही विफल साबित हो चुके है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा 2 हफ्ते के नोटिस में सभी 272 वार्डों में प्रत्येक में 100-100 वार्ड का इंतजाम करना पूरी तरह जुमला साबित होगा।
अनिल भारद्वाज ने कहा कहा कि दिल्ली में 30,000 आक्सीजन बेड, 10,000 आक्सीजन बेड, 7500 एमटी ऑक्सीजन की क्षमता, 6000 ऑक्सीजन सिंलेडर, प्रतिदिन 2900 सिलेंडर भरने की क्षमता की हवा हवाई बात करके केजरीवाल दिल्ली की जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल केवल बड़े-बड़े वायदे करते है चाहे प्रदूषण का मुद्दा हो या कोविड महामारी का मुद्दा हो, परंतु उस पर कार्यवाही करके लोगों को फायदा पहुचाने के लिए कोई मजबूत कदम नही उठाया। उन्होंने कहा दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से ध्वस्त है, तो फिर केजरीवाल शार्ट नोटिस में आपातकाल स्थिति का कैसे सामना कर सकते है, जिस पर कह रहे है कि 2 हफ्ते के नोटिस पर व्यवस्था दुरस्त कर लेंगे जबकि ऑमीकॉर्न वायरस से संक्रमति मरीज दिल्ली में प्रवेश कर चुका है।