नई दिल्ली/चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले को माफ नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर भगवान ने भी जमीन पर कब्जा कर लिया, तो उसे भी हटाने का आदेश दिया जाएगा।
अदालत ने कहा कि कुछ लोग मंदिर बनाते हैं। अगर मंदिर आम लोगों के लिए समस्या है, तो ऐसे ढांचे को हटा दिया जाएगा। अदालत के अनुसार, अगर भगवान भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेते हैं, तो कोर्ट उन्हें हटाने का भी आदेश देगा। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा करना जरूरी है, ताकि लोगों को कानून में विश्वास हो और सरकारी जमीन पर कब्जा न हो।
न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने सड़क पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ नमक्कल मंदिर की अपील को खारिज करते हुए यह बात कही। न्यायाधीश ने शुक्रवार को एक फैसले में कहा, ‘‘धर्म के नाम पर मंदिरों के निर्माण और अतिक्रमण से अदालतों को धोखा नहीं दिया जा सकता है।’’ सार्वजनिक स्थानों पर मंदिर निर्माण की भी अनुमति नहीं है।
अरुलमेघो पालपतराय मरियम्मन तुर्कुवेल की अपील को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा कि अदालत की राय में, जो कोई भी सड़क पर अतिक्रमण करने के अवैध कार्य करता है, भले ही वह मंदिर हो, उसे ऐसा करने से रोका जाना चाहिए। यह अवैध है। कोर्ट ने कहा कि अगर सार्वजनिक सड़क पर कोई निर्माण हो रहा है, जिससे लोगों को असुविधा हो रही है, तो ऐसे निर्माण को हटा दिया जाए.
आवाज़ द वायस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक समय था कि जब कुछ लोगों का मानना था कि वे मंदिर के नाम पर या उस स्थान पर मूर्ति रखकर सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण कर सकते हैं। न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों को अब परवाह नहीं है कि किसके नाम पर ऐसे अतिक्रमण हो रहे हैं। मंदिर के खिलाफ दायर मूल मामले में याचिकाकर्ता मंदिर से लगी जमीन का मालिक था। जैसे ही मंदिर ने उनकी संपत्ति का रास्ता अवरुद्ध किया, उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।