सरायमीरः यूपी विधानसभा चुनाव के आखरी चरण का मतदान सात मार्च को होना है। यूपी चुनाव प्रचार के दौरान कई प्रत्याशियों पर कथित तौर पर हमले भी हुएर उन्हीं में से एक हुजैफा आमिर हैं। हुजैफा राष्ट्रीय उलमा कौंसिल के टिकट पर आज़मगढ़ की दीदारगंज सीट से चुनावी मैदान में हैं। आज उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ‘‘कल शाम से सोशल मीडिया पे एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हमारी गाड़ी पर पथराव किया जाना दिखाई दे रहा है जो कि सच है, कल से ही इस सम्बंध में लगातार फोन आ रहे हैं इसलिए आज स्थिति साफ करने आवष्यक प्रतीत हुआ‘‘।
उन्होंने कहा कि कल 5 तारीख को प्रचार प्रसार समाप्त होने के बाद शाम में मैं जब मैं सरायमीर वापस लौट रहा था तो सिकरौर बाजार से कुछ पहले मेरे साथ चल रही गाड़ीयों के बीच में कुछ गाड़ीया जबरदस्ती घुसने लगीं और आगे पीछे करने लगीं और बदतमीज़ी पे उतारू हो गयीं, एक सफेद स्कारपीयों जिसमें लाल टोपी लगाए एक दल विषेष दल का झण्डा लिये हुए लोग बैठै थे जो कि लगातार गाली गलौज कर रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
हुजैफा ने कहा कि हम लोगों को जब ये एहसास हुआ कि ये जान बूझ कर हार की हताशा में हिंसा करने और हमे उकसाने की साज़िश रच रहे हैं ताकि माहौल खराब किया जा सके तो किसी तरह हम लोग वहां से पास लेकर आगे बढ़ गए और जब हम लोग सिकरौर बाजार पहुंचे तो वहां गाड़ीयां धीरी हो गयीं और तभी पीछे से वही स्कारपीयो बहुत तेजी से हमारे पीछे आयी और उसमेें बैठा लाल टोपी लगाए एक व्यक्ति गाली देते हुए नीचे उतरा और उसने अचानक हाथ में पत्थर उठाकर हमारे उपर हमला कर दिया और लगातार कई पत्थर चलाए। हम और हमारे लोगों ने संयम बरतते हुए कोई प्रतिक्रिया नही दी बल्कि हमारे लोगों ने पूरी घटना का वीडियो बनाया और फौरन वहां से हट गए और थाने को इसकी इत्तेला दी। इस सम्बन्ध में मुकदमा भी दर्ज हुेआ है और घटना का वीडियो भी है।
हुजैफा ने कहा कि वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से एक व्यक्ति पथराव कर रहा है बड़े बड़े पत्थर अपने हाथ मे लेकर और ये तो किस्मत थी और दीदारगंज की अवाम की दुआ थी कि कोई पत्थर हमे लगा नही वरना हमारी जान भी जा सकती थी। ये हमला हुजैफा रशादी का मनोबल तोड़ने के लिए नही किया गया है बल्कि दीदारगंज की जनता के मनोबल को तोड़ने के लिए किया गया है और इसका जवाब भी दीदारगंज की जनता खुद ही देगी। घटना साफ तौर पर इस बात का दर्शाती है कि सामने अपनी हार को देखते हुए ये लोग इस स्तर पे आ गए हैं, जब जाति-पात और धर्म की राजनीति को दीदारगंज की जनता ने नकारते हुए विकास और प्रगति के लिए एक पढ़े लिखे युवा को अपना मत देने का मन बना लिया है तो ये लोग अब हिंसा पे उतारू हो गए हैं।
उन्होने कहा 25 साल के एक नौजवान ने उनको धमण्ड तोड़ दिया है जो लोग पिछलेे 25 सालों से दीदारगंज को अपनी जागीर समझ बैठे हैं, आज उनका किला हिल गया है और उनकी विरासत ढ़हने लगी है इसलिए हताषा में हिंसा पे उतारू हैं। हम लोग पढ़े लिखे सभ्य लोग हैं जो कानून और शान्ति व्यवस्था में विशवास रखते हैं इसीलिए हमने कोई प्रतिक्रिया नही दी। प्रशासन अब इस साजिश को बेनकाब करे और इनके असली चेहरे सामने लाए। हमारे उपर चलाए गए हर एक पत्थर का जवाब जनता अपने वोट से देगी।