ज़िया अहमद अंसारी
बिल्हौर/कानपुर: शुक्रवार को गंगा जामुनी तहज़ीब का बेहतरीन अन्दाज़ कानपुर ज़िले के बिल्हौर क़स्बा वासियों में देखने को मिला। होली व शुक्रवार की खास नमाज़ समेत शब ए बारात पर्व एक ही दिन होने के चलते दोनों समुदाय के लोगों ने एकता की मिसाल देते हुए शान्ति से अपने त्योहार मनाएँ।
बता दें कि हिंदूओं के प्रमुख रंगों का त्योहार यानी होली उनके धार्मिक कैलेंडर के अनुसार शुक्रवार को मनाया गया, उधर मुस्लिम धर्म अनुयायियों नें इसी दिन खास नमाज़ के साथ इस्लामिक तारीख़ की 14 शाबान को सूर्यास्त से शब ए बारात का त्योहार भी मनाया। दोनों ही समुदाय के लोगों ने आपसी एकता की अनूठी मिसाल पेश करते हुए शान्ति पूर्वक ढंग से अपने अपने त्योहारों को मनाया। इस बीच प्रशासन भी लगातार गश्त करते हुए व्यवस्थाओं पर नज़र बनाए रहा। सभी छोटी बड़ी मस्जिदों पर नमाज़ के वक्त प्रशासन मुस्तैद रहा, नमाज़ियों से शान्ति बनाए रखने की अपील की गई। वहीं मस्जिदों में नमाज़ के बाद त्योहारों पर किसी तरह का फ़साद न करते हुए मुल्क में अमन और शांति की दुआ की गई।
इस दौरान थाना क्षेत्र की मकनपुर स्थित ज़िन्दा शाह मदार की दरगाह से ताल्लुक़ रखने वाले मौलाना फ़ैज़ुल अनवर जाफ़री नें पैग़म्बर साहब पर ग़ैर मज़हबी ख़ातून द्वारा कूड़ा फेंके जाने का वाक़या बयान करते हुए उनके रास्ते को अपनाते हुए धोके से रंग पड़ जाने पर मुस्कुराकर इखलाक और मुहब्बत का सुबूत देने पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि पैग़म्बर साहब पर ग़ैर मज़हब की ख़ातून द्वारा कूड़ा डाल दिया जाता था, एक रोज़ जब वह ख़ातून बीमार हो गई और उसने कूड़ा नहीं डाला तो पैग़म्बर साहब उस ख़ातून की फ़िक्र करते हुए उसके हाल जानने घर जा पहुँचे, जहाँ वो ख़ातून शर्मिंदा हो गई और उनके किरदार को पसन्द फ़रमाते हुए माफ़ी तलाफ़ी करने लगी। इसका ज़िक्र करते हुए उन्होंने लोगों से भाईचारा बनाए रखने की अपील की।