नई दिल्लीः दक्षिणी भारत के राज्य कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद जारी है। कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा हिजाब को गैर इस्लामी करार दिए जाने के बाद छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जनवरी 2022 में शुरू हुआ हिजाब विवाद लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस विवाद पर दक्षिणपंथी हिंदुत्तववादी नेताओं द्वारा भी तरह-तरह की टिप्पणी आईं हैं। ऐसे में औरंगाबाद की एक छात्रा सबाहत ख़ान ने ब्रिटेन में शेफील्ड हॉलम विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव जीतकर उन तमाम आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है, जिनके मुताबिक़ हिजाब तरक्की की राह में रुकावट है।
औरंगाबाद की रहने वाली महिला सबहत खान हिजाब पहनती हैं, उन्हें ब्रिटेन में शेफील्ड हॉलम विश्वविद्यालय के छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया है। पब्लिक हेल्थ कोर्स में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही सबाहत खान ने कुल 6,900 मतों में से 2,500 से अधिक वोट हासिक कर जीत दर्ज की है।
अपनी इस कामयाबी पर बात करते हुए सबाहत ने कहा कि “लोगों ने मुझे एक ऐसे छात्र नेता रूप में देखा, जो उनका प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखता है, न कि मेरे पहनावे के रूप में, और यह सबसे महत्वपूर्ण है।”
सबाहत ने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं कौन हूं और हिजाब पहनने वालों को सशक्त बनाने के लिए अपने नियंत्रण में सब कुछ करूंगी। मैं औरंगाबाद से आती हूं, लेकिन मेरे पास विचार थे और देखते हैं कि वे मुझे कहां ले जाते हैं। सबाहत ने कहा कि किसी भी रूढ़िबद्धता ने मुझे नहीं रोका और इसे किसी को भी नहीं रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं जो पहनती हूं मेरे लिये उससे कहीं इसके बजाय वे उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें जो अधिक महत्वपूर्ण हैं।
जानकारी के लिये बता दें कि सबाहत बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से बीएससी की थी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्र अधिकारी (आईएसओ) के रूप में उनके काम ने उन्हें सभी पृष्ठभूमि के अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़ने में मदद की है। सबाहत, शेफ़ील्ड हॉलम विश्वविद्यालय में समाज की समावेशी और सहायक संस्कृति की ओर इशारा करने पर भी जोर देती है। उन्होंने कहा, “लिंग, जातीयता और धर्म के बावजूद, हर कोई समान व्यवहार का हकदार है।”