हिजाब विवाद: कर्नाटक सरकार का आदेश, 15 फरवरी तक बंद रहेंगे प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज

बेंगलूरु: कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में अवकाश की अवधि 15 फरवरी तक बढ़ा दी है। कई परिसरों में बढ़ते हिजाब विवाद के बाद राज्य सरकार ने नौ फरवरी से इन कॉलेजों को बंद कर दिया था और उन्हें 14 फरवरी को खोला जाना था। सरकार ने 16 फरवरी तक डिग्री और डिप्लोमा कॉलेजों को भी बंद रखने का आदेश दिया है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

सरकार ने अपने परिपत्र में कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के एहतियाती कदम के तौर पर यह फैसला लिया गया है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश के करीबी सूत्रों ने बताया कि नौवीं और 10वीं कक्षाएं 14 फरवरी से पहले की तरह शुरू होंगी। राज्य के कुछ हिस्सों में उच्च माध्यमिक स्कूलों तथा कॉलेज परिसरों में हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ को लेकर विवाद ने तनाव पैदा कर दिया है। कुछ स्थानों पर अप्रिय घटनाएं और यहां तक कि हिंसक झड़पें भी हुई हैं।

कोर्ट में चल रहा मामला

कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहा है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होनी है। पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि जब तक इस मामले में कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक कॉलेज में किसी भी तरह की धार्मिक पोशाक पहनने से बचा जाए।

विदेशी टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय की टिप्पणी

भारत ने कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों को लेकर विवाद पर कुछ देशों की आलोचना को शनिवार को खारिज कर दिया और कहा कि देश के आंतरिक मामलों पर ‘‘किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां’’ स्वीकार्य नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जो लोग भारत को जानते हैं उन्हें वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों से जुड़े मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय विचार कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र, लोकतांत्रिक लोकाचार तथा राजतंत्र के संदर्भ में मुद्दों पर विचार किया जाता है, उनका समाधान निकाला जाता है। जो लोग भारत को अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें इन वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी। हमारे आंतरिक मुद्दों पर किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है।’’

बागची ने कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों पर कुछ देशों की टिप्पणियों के बारे में मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया दी।