उडुपी: कर्नाटक में हिजाब विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों उडुपी की 17 वर्षीय आलिया असदी का नाम भी काफी चर्चा में है। वो अभी भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं, उन पर कट्टरपंथियों के हमदर्द होने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि आलिया कराटे चैंपियन हैं और उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता है।
क्या कहते हैं परिजन
कर्नाटक के न्यूज़ पोर्टल वन इंडिया के मुताबिक़ आलिया ने कहा कि शुरू में उनके माता-पिता ने सरकारी कॉलेज के प्रशासन से बात की थी, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं समझी, जिस वजह से वो हिजाब पहनकर क्लास में गईं। उन्होंने आगे कहा कि हमने पहले कॉलेज में हिजाब नहीं पहना था, उसके बजाए हमारे माता-पिता कॉलेज बात करने गए थे, लेकिन प्राचार्य नहीं माने। इसी वजह से उन्होंने मजबूरी में ये कदम उठाया, लेकिन उनको कॉलेज में अंदर जाने को नहीं मिला।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के महासचिव और उडुपी कॉलेज विकास समिति के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने आरोप लगाया था कि शिक्षा संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में जाने वाली लड़कियों में से एक आतंकवादी संगठन की सदस्य है। लड़कियां ये तो कह रहीं कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं, जिससे न्यायपालिका को बदनाम किया गया।
बनाया जा रहा निशाना
वहीं छात्रा के पिता ने कहा कि मैं अगली कार्रवाई के बारे में निश्चित नहीं हूं। मैंने इस पर विचार नहीं किया है। मैं मुस्लिम संगठनों से परामर्श करूंगा और उसके अनुसार निर्णय लूंगा। मैं उसे दूसरे कॉलेज में प्रवेश दिलाऊंगा, जहां हिजाब की अनुमति है। आलिया के मुताबिक उनको निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया गया। वो हाईकोर्ट के फैसले से निराश हैं और अब उनकी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। अगर वहां पर भी ये फैसला बरकरार रखा गया, तो उनके पास पढ़ाई छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा।