नई दिल्लीः कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद देश के अन्य राज्यों में भी फैलता जा रहा है। हिजाब लगाने वाली छात्राओं को क्लासरूम में जाने से रोका जा रहा है, तो वहीं कर्नाटक के हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में बहस चल रही है। हिजाब विवाद पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी क्रम में एक प्रतक्रिया ऑस्ट्रेलिया से आई है। आस्ट्रेलिया के ला टार्वे विश्वविद्यालय के हिदी विभाग के एचओडी प्रोफेसर इयान वुलफोर्ड ने कहा है कि हम प्रोफेसर्स हैं, फ़ैशन पुलिस या रेलिजिन पुलिस नहीं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यहाँ ऑस्ट्रेलिया में , मेरी बेटियों के स्कूल में कई लड़कियाँ यूनफ़ॉर्म के ऊपर हिजाब पहन के आती हैं। और हमारी यूनिवर्सिटी में कोई भी लड़की पढ़ सकती हैं। हम प्रोफेसर्स हैं, फ़ैशन पुलिस या रेलिजिन पुलिस नहीं। लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना एक प्रतिगामी प्रथा है।
नहीं मिल पाया छात्राओं को प्रवेश
र्नाटक में उडुपी जिले के सरकारी जी शंकर मेमोरियल महिला प्रथम श्रेणी डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाली, अंतिम वर्ष की करीब 60 छात्राओं को बृहस्पतिवार को इसलिए घर वापस भेज दिया गया, क्योंकि उन्होंने अपना हिजाब उतारने से मना कर दिया था। मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से इस बात को लेकर बहस की कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में किसी प्रकार की वर्दी संहिता नहीं है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज विकास समिति ने नियम तय किए हैं।
छात्राओं ने इस बात पर जोर दिया कि वह बिना सिर ढके कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि उनके लिए हिजाब और शिक्षा दोनों अहम हैं। वे यह भी चाहती थीं कि अगर सरकार ने डिग्री कॉलेजों में वर्दी संहिता लाने का फैसला किया है तो कॉलेज की समिति यह लिखित में दे।
एक छात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में हिजाब संबंधी नियम लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा “जब हमने इसके बारे में पूछा, तो वे कहते हैं कि केवल कॉलेज समिति का निर्णय यहां लागू होता है।” उन्होंने कहा कि हिजाब उनके जीवन का हिस्सा है और वे इसे हर समय कक्षाओं में पहनी रहती हैं। उन्होंने कहा, ” जब कोई अचानक आपसे इसे उतारने के लिए कहता है तो इसे नहीं उतारा जा सकता है। हमने कॉलेज से हमारे लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा है।”
छात्राओं ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले लेता तब तक वे कॉलेज आकर कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। कॉलेज में कक्षाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कॉलेज परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।