वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर वाराणसी की जिला अदालत ने श्रृंगार गौरी पूजा स्थल पर दर्शन-पूजन करने संबंधी याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई तय की है। जिला न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेष की अदालत में हिन्दू पक्ष की ओर से दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस संबंध में मस्जिद प्रबंधन कमेटी के वकील ने सोमवार को अपना पक्ष रखा।
उनका कहना था कि धार्मिक स्थल विशेष प्रावधान कानून, 1991 के प्रकाश में यह वाद सुनवाई योग्य नहीं है। मुस्लिम पक्ष की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की सुनवाई को चुनौती दी गयी है। हिन्दू पक्ष के वकील का कहना है कि वाद की सुनवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं।
जिला न्यायाधीश ने न्यायालय के ग्रीष्मावकाश के मद्देनजर सुनवाई की अगली तिथि चार जुलाई तय की है। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के अनुसार उनकी ओर से ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे की प्रतिलिपि देने संबंधी आवेदन पर न्यायालय आज ही फैसला करेगा।
जिला न्यायालय में वाद की पोषणीयता के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया था। इसी क्रम में जिला न्यायालय ने पहले इस मामले में सुनवाई आरंभ की थी। वाद पर सुनवाई हो सकती है या नहीं, साथ ही न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट पर आपत्तियां दाखिल करने के लिए दोनों पक्षों को एक सप्ताह का समय दिया था।
दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित एक अन्य मामले में वाराणसी के फास्ट ट्रैक सिविल अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई निर्धारित की है। फास्ट ट्रैक सिविल अदालत के न्यायाधीश महेन्द्र कुमार पांडे हिन्दू पक्ष की ओर से दायर उस याचिका पर विचार कर रहे हैं जिसमें मस्जिद में ‘शिवलिंग’ के दर्शन-पूजन की अनुमति मांगी गयी है।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान वजू खाने में ‘शिवलिंग’ या ‘फव्वारा’ होने की बात प्रकाश में आयी थी। हिन्दू पक्ष इसे शिवलिंग कह रहा है जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। अदालत ने याचिका पर हिन्दू पक्ष को आपत्ति दाखिल करने का समय दिया है।