गिरीश मालवीय
क्या जीएसटी व्यवस्था फेल हो गई है? केरल के साथ देश के नो राज्य केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे पिटीशन दाखिल करने वाले है. केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कल कहा कि जीएसटी मुआवज़े के बदले कर्ज़ लेने के विकल्प के विरोध में केरल सुप्रीम कोर्ट जाएगा. उसके साथ नौ और राज्य भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार जीएसटी मुआवज़े की भरपाई के लिए राज्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक से कर्ज़ लेने के दो विकल्प दे रही है.
12 राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए समाधान को स्वीकार कर लिया लेकिन नौ राज्य दोनों विकल्प स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है इसे लेकर एक हफ़्ते में दो बार जीएसटी काउंसिल की बैठक हो चुकी है ओर कोई सहमति नही बन पाई। बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये केन्द्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है।
दरअसल वित्तमंत्री का कहना गलत है क्योंकि केंद्र अधिक सक्षम है, केंद्र उधार लेता है, उसे कम ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा जबकि राज्यों को अधिक ब्याज चुकाना होगा और रही बाजार में कर्ज की लागत की बात तो ऐसी कोई गारण्टी नही है कि कर्ज राज्य लेंगे तो लागत नही बढ़ेगी। ये नो राज्य चाहते हैं कि जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये केंद्र सरकार कर्ज ले, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पिछले दिनों ट्विटर पर चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा कि ‘GST मुआवजे की भरपाई के लिए राज्यों को उधार का विकल्प दिया जाना GST को संवैधानिक रूप से लागू किए जाने से पहले हुए समझौते की भावना से मेल नहीं खाता है.’ अगर राज्य उधार लेंगे तो इसे चुकाने का बोझ बढ़ जाएगा और वो पहले ही आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं.
केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी निभाने का वादा तोड़ने की स्थिति में है. अब राज्यो के पास इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने के अलावा कोई चारा नही बचा है. केंद्र और राज्यों के बीच जारी यह विवाद जीएसटी के अंत की शुरुआत सिद्ध हो सकता है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)