सोनीपत: गन्नौर और मुरथल के बीच सोनीपत पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में पति-पत्नी व उनका तीसरा साथी शामिल है। आरोपी पति-पत्नी पंजाब के तरनतारन निवासी रवि व वरिंद्र दीप कौर और उसके साथी जालंधर के रहने वाले कणभ के रूप में हुई। तीनों फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। आरोपा है कि ये पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के संपर्क में थे।
न्यूज़ 18 की ख़बर के मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर पुलिस से सोनीपत पुलिस को इनपुट मिला कि जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगार निजी वाहन से सोनीपत से गुजरेंगे। सोनीपत पुलिस को तीनों संदिग्ध की पहचान के लिए फोटो उपलब्ध कराए गए थे। इस पर सोनीपत पुलिस हरकत में आई और गन्नौर-मुरथल के बीच नाका लगाकर निगरानी शुरू कर दी। इसी बीच रविवार देर रात कार से एक महिला और दो युवकों को आता देखकर रोकने के बाद हिरासत में लिया गया। उनकी पहचान रवि, उसकी पत्नी वरिंद्र दीप कौर और उसके साथी कणभ के रूप में हुई।
तलाशी के दौरान इनके पास से फतेहाबाद से तैयार कराए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए। इसकी सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिल्ली मुख्यालय को दी गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी संदीप भट्ट अपनी टीम के साथ सोनीपत पहुंचे। जिसके बाद रात को तीनों आरापियों को मुरथल थाना में रखा गया। उसके बाद तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया। वहां से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर तीनों को पुलिस जम्मू लेकर रवाना हो गई।
पुलिस के अनुसार नवंबर, 2021 को जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी मोहम्मद परवेज और उमर फारुख पकड़े गए थे। इनके पास से पुलिस ने 28 व 15 लाख रुपये मिले थे। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह आंतकियों की मदद करने वाले आरोपी आशिक के लिए काम करते हैं। उसको यह रुपये अमृतसर में अज्ञात मददगार ने नवंबर में दिए थे। पुलिस जांच में अज्ञात मददगार की की पहचान रवि और उसकी पत्नी वरिंद्र दीप कौर के रूप में हुई थी।
आरोपियों के बारे में इनपुट मिलने के बाद से ही रवि और उसकी पत्नी का मोबाइल बंद हो गया था। इस बीच पुलिस को को उनके साथी का नंबर मिला। वह कणभ का था। इस नंबर की लोकेशन जीटी रोड पर दिल्ली की तरफ मिली थी। जिसके बाद सोनीपत सीआईए टीम की मदद से तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी फतेहाबाद से बनवाए गए फर्जी पासपोर्ट से दिल्ली जा रहे थे। वहां से विदेश भागने की फिराक में थे।