बेंगलुरु: कर्नाटक के शिवमोग्गा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा हत्याकांड की जांच अपने हाथ में लेने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि यह हर्ष की हत्या हिजाब विवाद की पृष्ठभूमि में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए की गई थी।
शिवमोग्गा का दौरा करने वाले एनआईए के अधिकारी ने शनिवार को स्थानीय पुलिस से हर्षा हत्याकांड के संबंध में सभी दस्तावेज और सामग्री ली, अधिकारी ने पाया कि हर्ष की हत्या एक साजिश और सांप्रदायिक हिंसा पैदा करने की योजना के साथ की गई थी। एनआईए के सूत्रों ने यह भी कहा कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में इस पहलू का उल्लेख किया है।
न्यूज़ पोर्टल मुस्लिम मिरर ने समाचार आईएएनएस के हवाले से लिखा है कि हत्या डर पैदा करने और समाज में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भी अंजाम दिया गया। बता दें कि कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने यह भी कहा था कि स्थानीय पुलिस की जांच में पाया गया कि हत्या के पीछे एक सांप्रदायिक एजेंडा था।
भाजपा नेता सी.टी. रवि ने पहले कहा था कि शुरुआत में ही यह स्पष्ट हो गया था कि हर्ष की हत्या व्यक्तिगत कारणों से नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा था कि “मुझे नहीं लगता कि यह दुश्मनी से बाहर किसी का व्यक्तिगत निर्णय है। इसके पीछे सुनियोजित रैकेट की आशंका है। वित्त किसने मुहैया कराया, किसने साजिश रची, किसने उकसाया, किसने अदालतों में उनका समर्थन किया, इसके पहलुओं की जांच होनी चाहिए। मामले को एनआईए को सौंपने का मकसद हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्याओं को रोकना है. जांच शुरू होने दें और हम पता लगाएंगे कि अपराधी राज्य में हैं या किसी अन्य राज्य में।
हिजाब विवाद के चरम पर शिवमोग्गा में 20 फरवरी को हर्षा की हत्या कर दी गई थी। सांप्रदायिक हिंसा की किसी भी घटना को नियंत्रित करने के लिए शिवमोग्गा जिले में सात दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था। हत्या के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भी हुई।— IANS