आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी पार्टियों के लिए चुनौती बन सकती है हनुमान बेनीवाल की रालोपा

जयपुरः राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण अपने स्थापना के केवल तीन साल में ही मजबूत तीसरे मोर्चे के रुप में अपनी जगह बना ली और मंगलवार को संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में अपनी ताकत दिखाने के बाद वह सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं प्रमुख विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने आगामी विधानसभा चुनाव में चुनौती बन सकती है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

रालोपा गत विधानसभा चुनाव से लगातार चुनावों में तीसरे मोर्चे के रुप में अच्छा प्रदर्शन करती आ रही है और धीरे धीरे उसकी ताकत बढ़ती जा रही है। उसने वल्लभनगर उपचुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया और उसके उम्मीदवार उदयलाल डांगी दूसरे स्थान पर रहे। श्री डांगी ने उपचुनाव में करीब 25 प्रतिशत मत हासिल किए। उनके 45 हजार 107 मत बंटोरने से प्रमुख विपक्ष भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और वह इस चुनाव में चौथे नम्बर पर जा पहुंची। हालांकि इसका कांग्रेस को फायदा पहुंचा लेकिन जिस तरह रालोपा का लगातार प्रदर्शन सामने आ रहा है उससे आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए वह चुनौती बनकर सामने आ सकती है।

वल्लभनगर उपचुनाव नतीजों के बाद रालोपा संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि व्यवस्था परिवर्तन के इस संघर्ष में इस उपचुनाव में रालोपा को जो मत मिले ,उससे यह स्पष्ट है कि वर्ष 2023 में जनता बड़ा बदलाव करेगी। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उपचुनाव में जनता ने यह भी जाहिर कर दिया कि प्रदेश में रालोपा ही प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वह शुरु से कहते आ रहे हैं प्रदेश की जनता को एक मजबूत तीसरे मोर्चे की जरुरत हैं और इस पर रालोपा खरी उतरती जा रही है।

उन्होंने मतदाताओं का धन्यवाद करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि सड़क, स्कूल, पानी एवं बिजली तथा वीसीआर निस्तारण आदि को लेकर चुनाव के दौरान पार्टी की तरफ से जनता से किए गए वादों पर हम खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि रालोपा का मिशन 2023 के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

इससे पहले गत अप्रैल में हुए तीन विधानसभा उपचुनाव में भी मजबूत तीसरे मोर्चे के रुप में रालोपा ने भूमिका निभाई और सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में उसके उम्मीदवार सोहन लाल नायक ने 32 हजार से अधिक मतदाताओं का समर्थन हासिल कर करीब बीस प्रतिशत मत बंटोरे। इसी तरह सहाड़ा में रालोपा उम्मीदवार सात प्रतिशत मत लेने में कामयाब रहा। रालोपा ने पंचायत चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन दिखाया है।

राजनीतिक विशेषकों के अनुसार इन दो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मजबूत बनकर उभरे हैं वहीं रालोपा के उपचुनाव में प्रदर्शन एवं उसे प्रदेश में किसान वर्ग के वोट बैंक एवं अन्य वर्ग का भी मिलने लगे सहारे के कारण वह आने वाले समय में प्रदेश में नए समीकरण बना सकती।

हालांकि वल्लभनगर उपचुनाव में जनता सेना के निर्दलीय उम्मीदवार रणधीर सिंह भींडर ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और उन्होंने करीब 44 हजार मत बंटोरे। इसी तरह वल्लभनगर में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बागी एवं निर्दलीय उम्मीदवार थावर चंद को भी मतदाताओं का अच्छा समर्थन मिला और उपचुनाव में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 51 हजार से अधिक मत हासिल किए।

उल्लेखनीय है कि हनुमान बेनीवाल ने रालोपा की स्थापना की घोषणा गत विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 29 अक्टूबर 2018 को जयपुर में एक बड़ी रैली में की थी। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में रालोपा ने पचास से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें उसके हनुमान बेनीवाल सहित तीन विधायक चुने गए। बाद में लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद चुने गए। खींवसर में वर्ष 2019 उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल विधायक चुने गए। फिलहाल प्रदेश में रालोपा में तीन विधायक एवं एक सांसद हैं और वह प्रदेश में तीसरे मोर्चे के रुप में सबसे मजबूत पार्टी हैं। गत विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायक चुने गए थे लेकिन वे कांग्रेस में शामिल हो गए।