मान, मर्यादा, नैतिकता, समाजिकता को तार-तार करते ‘सरकारी गालीबाज़’

दीपक असीम

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सोशल मीडिया पर धमकी देने वालों को पकड़ना क्या पुलिस की इच्छा शक्ति पर निर्भर नहीं है? हम अकसर पढ़ते हैं कि किसी ने गृह मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि को सोशल मीडिया पर धमकी दी या उनके बारे में गलत बातें लिखीं और लिखने वाले को ढूंढ कर पकड़ लिया गया, उन पर कानूनी कार्रवाई की गई। जब बड़े नेताओं के खिलाफ अपशब्द लिखने वालों को पकड़ा जा सकता है, तो फिर सोशल मीडिया पर सरकार से असहमत नामचीन लोगों को धमकी देने वाले क्यों नहीं पकड़ाते? पाकिस्तान ज़िंदाबाद लिखने वालों को पकड़ लिया गया और यूएपीए लगाया गया। मगर सरकार से असहमत लोगों को या भाईचारे की बात करने वालों को गाली दी जाती है और कोई कुछ नहीं कहता।

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने मोहम्मद शमी के समर्थन में कुछ बातें कहीं, जिससे नाराज़ होकर ट्विटर पर एक शख्स ने अनुष्का और विराट की मासूम बच्ची से बलात्कार की बात लिखी है। जिस बच्ची के दूध के दांत भी नहीं टूटे, उससे बलात्कार करने की धमकी कितनी विकृत मानसिकता से उपजी होगी इसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते। और विराट का दोष क्या है? पाकिस्तान से मैच हारने पर कुछ लोग गेंदबाज मोहम्मद शमी के खिलाफ बोल रहे हैं, लिख रहे हैं और उनका आशय है कि शमी ने जानबूझ कर पाकिस्तान के खिलाफ खराब खेला और रन बनवा दिये। वाट्सएप पर नफरत फैलाने वालों ने लोगों के दिमाग़ को कितना कुंद कर दिया है उसकी मिसाल यह संदेह है। धारणा यह है कि अगर कोई मुस्लिम है, तो वो पाकिस्तान का तरफदार ही होगा। कोहली ने जब इसका प्रतिवाद किया तो उनकी बेटी को रेप की धमकी।

सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ट्रोल और गाली-गुफ्तार करने वाले लोग ट्विटर पर हैं। ट्विटर पर क्यों हैं इसका भी कारण है। क्योंकि ट्विटर नामचीन लोग चलाते हैं। नामचीन लोग अगर सरकार की आलोचना करते हैं, तो बहुत जल्दी वो आम लोगों तक जाती है और आम लोग उनका अनुसरण करते हैं। ट्विटर पर ट्रोल इसीलिए हैं कि नामचीन लोगों की जुबान बंद रखी जाए। जो जुबान खोले उसे गंदी गालियां दी जाएं, धमकियां दी जाएं। फेसबुक का अल्गोरिदम अलग है। यहां बहुत ज्यादा आम लोग हैं। हर आम आदमी पर ट्रोल छोड़ना मुमकिन नहीं है इसलिए यहां भी आईटी सेल द्वारा भुगतान पाने वाले ट्रोल हैं मगर ज्यादा नहीं हैं और ज्यादा असरदार भी नहीं हैं।

रवीश कुमार को गालियां दी जाती हैं। स्वरा भास्कर सबसे ज्यादा गाली खाती हैं। अब शमी से सहानुभूति जता कर विराट भी गालियां खा रहे हैं। अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऐसे गालीबाजों को फालो करते हैं। आप मतलब निकाल सकते हैं कि ये सभी गालीबाज सरकारी हैं। ये सबको गाली दे सकते हैं, धमकी दे सकते हैं इनका बाल बांका नहीं होगा। अगर कोई गलती से भी इनके नेताओं को धमका दे या गलत लिख दे तो उसके घर पुलिस पहुंच जाएगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)