खुर्शीद रब्बानी
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान ख़ान ने बीते रोज़ कांग्रेस पर भाजपा एंव हिंदुवादी संगठनों द्वारा अक्सर लगाए जाने वाले मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति नहीं की। दिल्ली स्थित इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में उर्दू पत्रकारों/संपादकों के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर एक ग़लत इल्ज़ाम लग गया कि कांग्रेस ने मुसलमानों का तुष्टीकरण किया, जबकि ये सच नहीं है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिसके लिए कहा जाए कि उसने मुस्लिमों का तुष्टीकरण किया। के. रहमान ख़ान ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस में अब सभी विचार धाराओं के नेता आ गए हैं जिसका उसे नुक़सान हुआ। लंबे समय तक राज्यसभा के उप-सभापति रहने वाले के. रहमान ख़ान ने अपना करियर चार्टेड अकाउंटेंट के तौर पर शुरु किया था। उन्होंने कर्नाटक का मशहूर उर्दू अख़बार सालार का प्रकाशन किया। के. रहमान ख़ान ने बताया कि बहुत जल्द भारतीय राजनीति और मुस्लिम समस्याओं पर उनकी किताब भी प्रकाशित होने जा रही है।
जज़्बाती होते हैं मुसलमान
यूपीए सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे के. रहमान ख़ान ने मुसलमानों के पिछड़ेपन पर भी खुलकर बात रखी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पिछड़ेपन की एक बड़ी वजह ये भी है कि, मुस्लिम समाज किसी भी तरक़्क़ी पसंद आदमी या संस्था को “पसंद” नहीं करता, अगर कोई शख्स ख़ुद या फिर समाज की तरक़्क़ी के लिए काम करना चाहता है या आगे बढ़ने की कोशिश करता है तो, “क़ौम” ख़ुद ही उसके ख़िलाफ़ खड़ी हो जाती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुसलमान मज़हबी, जज़्बाती और सियासी मामलों में तो आगे रहते हैं मगर, शैक्षिक और आर्थिक तौर पर हमेशा पीछे ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमान 70 साल से पिछड़ेपन का रोना तो रोए लेकिन, उसे दूर करने के लिए कोई बडा क़दम नहीं उठा पाए। के. रहमान ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मुसलमानों को ब्याज़ से ऐसा डराया कि वे बैंक अकाउंट खुलवाने से भी डर गए।