नई दिल्लीः केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार क़ानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग एक सप्ताह से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए किसानों ने दिल्ली के चारों ओर डेरा डाला हुआ है। केन्द्र सरकार ने अभी तक दो बार किसानों से वार्ता की कोशिश जरूर की लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही। आज एक बार फिर किसानों के साथ सरकार वार्ता कर रही है। किसानों द्वारा दिल्ली का घेराव करने पर पूर्व सांसद जावेद अली ख़ान ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज किया है। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे जावेद अली ख़ान ने कहा कि ‘बहुत हो चुका अब तो कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी को रास्ते ख़ाली कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए’।
उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कृषि क़ानूनों के फ़ायदे समझाने के लिए भाजपा वालों को किसानों के बीच जाना चाहिए और क़ानूनों के समर्थन में रैलियाँ भी निकालनी चाहिये जैसा CAA के समय किया था। जावेद अली ख़ान ने कहा कि कृषि के अलावा उत्पादन व सेवा का ज़िम्मा सरकार व पूँजीपतियों का था पर किसी क्षेत्र में भी देश आत्मनिर्भरता नहीं हुआ, किसानों ने अन्न उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया अब पूँजीपति इस क्षेत्र को हड़पना चाहते हैं और सरकार भी इसके लिए आमादा है।
सपा नेता ने तंज करते हुए कहा कि बहुत हो चुका अब तो कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी को रास्ते ख़ाली कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए और अनुराग ठाकुर तो …. को गोली मारने को आतुर होंगे ही। उन्होंने कहा किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि ये लड़ाई देश पर मालिकाना हक़ की भी है, पैसे वालों और पसीने वालों के बीच।