जामिया के पूर्व प्रोफेसर शकील अहमद का द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज के लिये चयन,TWAS इटली के फैलो चुने गए

दिल्ली स्थिती केंद्रीय शिक्षण संस्थान जामिया मिल्लिया इस्लामिया आए दिन एक के बाद एक कीर्तिमान स्थिपत कर रहा है। इसी क्रम में प्रोफेसर शकील अहमद जिन्होंने एमके गांधी चेयर प्रोफेसर के रूप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कार्य किया, उन्हें “द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (टीडब्ल्यूएएस)”, ट्राएस्टे, इटली में  फैलो चुना गया है। उन्हें एक विकासशील देश में विज्ञान की उन्नति के लिए इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना गया है। टीडब्ल्यूएएस अनुसंधान, शिक्षा, नीति और कूटनीति के माध्यम से स्थायी समृद्धि का समर्थन करता है।

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जामिया की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि  जल विज्ञान के विशेषज्ञ प्रोफेसर अहमद ने जामिया (2018-2020) में अपने 2 साल के कार्यकाल के दौरान सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ-साथ भूगोल विभाग में भी अध्यापन किया। उन्हें जल से संबंधित प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन में उन्नत विकास अध्यापन का समृद्ध अनुभव है।

जामिया में प्रोफेसर अहमद का योगदान असाधारण रहा है क्योंकि उन्होंने उच्च प्रभाव वाली अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 13 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और आईएनएसए के साथ-साथ स्प्रिंगर और एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में 3 अध्यायों का योगदान दिया है। जामिया में अपने कार्यकाल के दौरान, प्रोफेसर अहमद को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (NASI) के फैलो के रूप में भी चुना गया था।

प्रोफेसर अहमद, भारत से एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जिसमें भूगोल विभाग, जामिया के प्रोफेसर अतीकुर रहमान और भारत के कई अन्य वैज्ञानिक/विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो फ्रांस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ‘जल प्रबंधन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव’ पर मई 2022 को चर्चा करेंगे।

जामिया में शामिल होने से पहले, उन्होंने CSIR के राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में 37 वर्षों तक वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया और संस्थान के वरिष्ठतम मुख्य वैज्ञानिक के स्तर तक पहुँचे। उन्होंने भारत में राष्ट्रीय अक़ुइफ़र मैपिंग के मेगा कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सहित भू-विज्ञान पर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। प्रोफेसर अहमद एशियाई यूनेस्को के एक प्रमुख कार्यक्रम के सचिव के रूप में GWADI के सचिवालय का प्रबंधन कर रहे हैं। उन्हें  पहले से ही कई और पुरस्कार प्राप्त हैं जिसमें, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार और जल विज्ञान के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।

प्रोफेसर अहमद ने संस्थापक प्रमुख के रूप में लगभग 2 दशकों तक हैदराबाद में ‘इंडो-फ़्रेंच सेंटर फॉर ग्राउंडवाटर रिसर्च’ का नेतृत्व किया है। वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फैलो और कश्मीर विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं तथा वर्तमान में वे मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के स्कूल ऑफ साइंसेज में सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं।