तालिबान से वार्ता पर बोले पूर्व DGP, तालिबान के में प्रसंग लोगों पर FIR करने वाली यूपी, असम पुलिस माफी मांगे

नई दिल्‍ली: अफगानिस्‍तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद भारत ने पहली बार इस संगठन के नेता से बातचीत की है। दोहा में भारत के दूत ने तालिबान के नेता से मुलाकात की औरअफगानिस्‍तान के क्षेत्र के आतंकियों द्वारा इस्‍तेमाल किए जाने को लेकर चिंता का इजहार किया। भारत के दूत ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के नेता से बातचीत की।

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इस वार्ता पर केरल के पूर्व डीजीपी रहे डॉक्टर एनसी अस्थाना ने उन लोगों पर निशाना साधा है जिन्होंने बीते दिनों तालिबान को आतंकी कहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यूपी पुलिस और असम पुलिस से भी मांग की है कि वह अब उन लोगों से माफी मांगे जिनके ख़िलाफ तालिबान को लेकर केस दर्ज किया गया।

डॉक्टर अस्थाना ने कहा कि ग़ज़ब हो गया, भक्तों! सरकार तालिबान से वार्ता कर रही है। आधिकारिक बयान आ गया। अब क्या करोगे? अब तक तो उन्हें उन्हें दुनिया के सबसे भारी पापी, दुराचारी, आतंकी बता कर गालियाँ दे रहे थे। भक्त पुलिस लोगों पर बेवजह केस कर रही थी।

पूर्व आईपीएस डॉक्टर एनसी अस्थाना ने कहा कि हाल के वर्षों में भक्त मंडली की इतनी भयानक किरकिरी नहीं हुई थी। इनकी सामूहिक मूर्खता की ऐसी ज़बर्दस्त पोल कभी नहीं खुली थी। भक्त तो खैर लोगों को सिर्फ गालियां ही दे रहे थे, पर यूपी, आसाम आदि की पुलिस को तालिबान के प्रसंग में लोगों पर केस करके तंग करने के लिये माफ़ी मांगनी चाहिये।

दरअस्ल 15 अगस्त को तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े के बाद से भारत में कई लोगों पर तालिबान समर्थक होने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश में तो सपा सांसद डॉक्टर शफ़ीक़ुर्रहमान बर्क पर तालिबान प्रसंग में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है, वहीं शायर मुनव्वर राना पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर असम में भी तालिबान प्रसंग में 14 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

उन्होंने पाकिस्तान के नाम पर परोसी जा रही नफ़रत पर भी कटाक्ष किया है। दरअस्ल हाल ही में ख़बर आई थी कि तालिबान पाकिस्तान के हथियारों पर कब्ज़ा कर लेगा। इस पर उन्होंने एक ख़बरा को शेयर करते हुए कहा कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार, दूसरी परमाणु ताक़तों की तरह एकदम सुरक्षित हैं और तालिबान उन्हें हाथ भी नहीं लगा सकते। ये हौवा इसलिये खड़ा किया गया है कि मूर्खों को पाकिस्तान से नफ़रत करने का एक और कारण मिल जाये और मुश्किलों में पिस रहे लोगों का मूल मुद्दों से ध्यान बंटा रहे।

क्या हुई वार्ता

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार, युद्ध प्रभावित अफगानिस्‍तान के नए शासकों के अनुरोध पर यह बैठक आयोजित की गई थी। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्‍तल ने इस मुल्‍क में तालिबान के राजनीतिक ऑफिस के  प्रमुख शेर मोहम्‍मद अब्‍बास स्‍टेनेकजई से भेंट की।बयान के अनुसार, दोहा स्थित भारतीय दूतावास में यह मुलाकात हुई।

इस दौरान भारत की ओर से अफगानिस्‍तान के क्षेत्र के आतंकियों के द्वारा इस्‍तेमाल किए जाने को लेकर चिंता का इजहार किया  गया। बयान में बताया गया है कि स्‍टेनेकजई  ने आश्‍वस्‍त किया कि  भारत की चिंताओं का ध्‍यान रखा जाएगा।

बयान के अनुसार, ‘अफगानिस्‍तान में फंसे भारतीय नागरिकों  की सुरक्षा और शीघ्र वापसी के मसले पर भी चर्चा हुई। अफगानिस्‍तान के नागरिकों, खासकर अल्‍पसंख्‍यकों, जो भारत आना चाहते है, का मुद्दा भी बातचीत के दौरान उठा। ‘

जानकारी के अनुसार, राजदूत दीपक मित्‍तल ने कहा कि अफगानिस्‍तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधि और आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के पहले भारत वहां अहम हितधारक (Important stakeholders) के तौर पर जुड़ा हुआ था लेकिन मौजूदा समय के घटनाक्रम पर वह बारीक नजर गड़ाए है और ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है।