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मौलाना उमर गौतम की गिरफ्तारी पर बोले अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष, ‘फर्जी है ATS का दावा…’

नई दिल्लीः इस्लामिक दावा सेंटर चलाने वाले मौलाना उमर गौतम को यूपीएटीएस ने 20 जून को धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार किया, और आज उन्हें जेल भेज दिया। उनकी गिरफ्तारी पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ज़फरुल इस्लाम ख़ान ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। उन्होंने इसे आर्टिकल 25 का उल्लघंन बताया है। ज़फरुल इस्लाम ख़ान ने ट्वीट कर कहा कि उमर गौतम को लखनऊ की जेल भेज दिया गया है। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत में ही इस्लाम धर्म अपना लिया था। उन पर लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का आरोप है। धर्म परिवर्तन कोई अपराध नहीं है क़ानून ने इसकी अनुमति दी हुई है।

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बता दें कि यूपीएटीएस की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया था कि मौलाना उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर द्वारा मूक बधिर एंव ग़रीब लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। यूपीएटीएस ने दावा किया है कि गिरफ्तार मौलानाओं द्वारा एक हज़ार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। एटीएस ने आरोप लगाया है कि इन्हें विदेशों से फण्डिंग होती है जिसका लिंक आईएसआई से भी है।

 

डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम ख़ान ने कहा कि हमारे संविधान का आर्टिकल 25 धर्म की स्वतंत्रता प्रदान करता है। मौलाना उमर गौतम के द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है। वे एक अच्छे इंसान हैं, मैं उन्हें करीब तीन दशकों से जानता हूं। उनके “आईएसआई लिंक” के बारे में एटीएस के दावे फर्जी हैं। जिस तरह हाल के दशकों में सैकड़ों लोग आईएसआई के आरोपों से बरी किए गए हैं, वे भी बरी हो जाएंगे।

क्या बोले ओखला विधायक

बता दें कि मौलाना उमर गौतम दिल्ली के ओखला क्षेत्र के जोगाबाई में रहते हैं। उनके साथ मुफ्ती जहांगीर को भी गिरफ्तार किया गया है, वे भी इसी इलाक़े में रहते हैं। उनकी गिरफ्तारी पर ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने यूपी सरकार पर हमला बोला है। अमानतुल्लाह ख़ान ने कहा कि भाजपा सरकार देश के अल्पसंख्यकों और दलितों पर जुल्म करने से बिल्कुल नहीं चूक रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर को गिरफ्तार कर भाजपा सरकार ने आज फिर हमारे संवैधानिक अधिकारों पर हमला किया है। संविधान का Article 25&21, हमें अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ किसी भी धर्म का पालन करने का अधिकार देता है।

ओखला विधायक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ग़ैर-संवैधानिक तरीक़े से    साम-दाम, दंड-भेद की नीति अपना कर अपनी डूबती नैया पार लगाना चाहती है। भाजपा सरकार कानून और संविधान का गलत इस्तेमाल करना बंद करे और गैर-संवैधानिक तरीके से गिरफ्तार किए गए लोगों को जल्द रिहा करे।

उन्होंने कहा कि मौलाना उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर साहब की गिरफ्तारी असंवैधानिक है। भाजपा उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों को देखते हुए हिंदू-मुसलमान को बाँटने में जुट गई है और संवैधानिक मूल्यों की धज्जियाँ उड़ा रही है। भाजपा के इस रवैये को किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।