ईरान से वापस लौटा 58 भारतीयों का पहला जत्था, जानिये क्या है इसका कारण

नयी दिल्लीः ईरान में फंसे 58 भारतीय नागरिकों के पहले जत्थे को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर मंगलवार सुबह गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा जिसमें 31 महिलाएं, 25 पुरुष और दो बच्चे शामिल हैं। इन सभी भारतीयों की कोरोना वायरस जांच करायी गयी। भारतीयों को लाने के साथ ही ईरान से 529 नमूने जांच के लिये भी लाये गये हैं।

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ईरान में कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत अधिक है और वहां 243 लोगों की मौत हो चुकी है। ईरान में करीब 2000 भारतीय नागरिक हैं। ईरान से स्वदेश लाए गए सभी नागरिक धार्मिक यात्रा पर गए थे और वहां कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने से सरकार से वापस बुलाने की गुहार लगाई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने ईरान स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों और वहां मौजूद भारतीय चिकित्सा दल को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने के लिए धन्यवाद दिया है।

डा. प्रसाद ने पहले जत्थे के आने पर ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा तेहरान से भारतीय श्रद्धालुओं को लेकर पहला जत्था स्वदेश आ गया है। विदेश मंत्री ने ईरान के अधिकारियों को सहयोग के लिए शुक्रिया करते हुए कहा कि वहां फंसे शेष भारतीयों को निकालने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रसाद ने सोमवार को श्रीनगर में जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ मुलाकात की जिनके बच्चे बड़ी संख्या में ईरान में शिक्षा हासिल करने के लिए गये हैं। उन्होंने आश्वासन दिया था कि सरकार तेहरान से जल्द ही उन्हें स्वदेश ले आएगी। सूत्रों के अनुसार उन्हें भारत में लाकर कोरोना विषाणु के संक्रमित लोगों के लिए बनाये गये विशेष केन्द्रों में रखा जाएगा।