हरदोई: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हिंदुवादी संगठनों द्वारा लिंचिंग की घटना ने पूरे देश में एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। तस्लीम के साथ हुई इस मारपीट की घटना से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। कई नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप सामने आए हैं। ऐसे में तस्लीम के परिवार के लोग भी दहशत के साए में जी रहे हैं और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर में हिंदुवादी संगठनों के लोगों द्वारा पीटा जाने वाला युवक तस्लीम उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के सांडी थाना क्षेत्र के बिराइचमऊ गांव का रहने वाला है। वह इंदौर में चूड़ियों की फेरी लगाता था।
जानकारी के लिये बता दें कि बिराइच मऊ गांव के करीब 30 लड़के हैं, जो चूड़ियों की फेरी का काम करते हैं। वर्षों से चला आ रहा तस्लीम का व्यवसाय अब अचानक चर्चा का केंद्र बन गया और और इस घटना के बाद बड़े-बड़े नेताओं यहां तक की मंत्रियों तक की प्रतिक्रिया इस पर आने लगी है। बिराइचमऊ का तस्लीम पांच बच्चों का पिता है। इंदौर में उसके साथ घटी घटना के बाद से छोटे-छोटे बच्चे व पत्नी और मां सभी का रो-रो कर बुरा हाल है।
तस्लीम की मां और पत्नी का यही मानना है कि उनका बेटा और पति किसी तरीके से हरदोई वापस आ जाए। तस्लीम के पिता मोहर अली बताते हैं कि गांव में कई लोगों के आधार कार्ड दो नामों से बने हैं। तस्लीम का आधार कार्ड भी असलीन और तस्लीम नाम से दो आधार कार्ड बने हुए हैं। जाहिर है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते दोबारा आधार कार्ड बनते हैं और भुगतते पीड़ित हैं।
इस घटना की जानकारी जब उन्हें मिली तो वह अपने साथियों के साथ वहां जा रहे हैं। गौरतलब है कि बिराइचमऊ में बंजारे रहते हैं। पूरा गांव बंजारों का है और इन लोगों का मुख्य कारोबार जयपुर से चूड़ियां लाकर देश के विभिन्न इलाकों में बेचना होता है। यह लोग दो से ढाई महीने कहीं भी रह कर वापस हरदोई आ जाते हैं। इंदौर में लिंचिंग का शिकार हुए तस्लीम का परिवार अब सरकार की तरफ न्याय की आस लगाए है।