मुरादाबादः रामपुर स्थित हाफिज शाह जमाल उल्लाह की दरगाह के सज्जादानशीं फरहत जमाली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वर्ष 2019 में नागरिकता कानून विरोधी हिंसा को लेकर दर्ज मामले में यह कार्रवाई हुई है। उन्हें आज कोर्ट में पेश किया गया और उसके बाद जेल भेज दिया गया। जानकारी के लिये बता दें कि फरहत जमाली किसान आंदोलन में शामिल हुए थे और उसके बाद रामपुर एसपी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था। इसका उन्होंने विरोध किया था।
उसके बाद 14 महीने पुराने मामले में उन पर कार्यवाही की गई। संभावना है कि यूपी पुलिस किसान आंदोलन को ठंडा करने के लिए फिर से कम्युनल कार्ड खेल रही है।एनआरसी और सीएए को लेकर 21 दिसंबर 2019 को रामपुर में हिंसा हो गई थी। कानून के विरोध में उलेमा ने जलसा बुलाया था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी, जिस पर 20 दिसंबर की शाम को उलेमा ने जलसा स्थगित कर शहर में ऐलान करा दिया था, फिर भी शहर में जगह-जगह भीड़ जुट गई थी । हालांकि पुलिस ने भीड़ की रोकथाम को इंतजाम किए थे। बावजूद इसके हाथीखाना चौराहे पर भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। आगजनी पथराव और फायरिंग हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। थाना प्रभारी की जीप को फूंक दिया गया था। दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसकी विवेचना चल रही है, जिसमें कुछ रोज पहले क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर की ओर से शहर इमाम और जिला मुफ्ती समेत कछ उलेमा को नोटिस जारी किए गए थे।
दो दिन पहले पांच उलेमाओं के बयान दर्ज कर लिए गए थे, लेकिन सज्जादानशीं फ़रहत जमाली का बयान दर्ज नहीं हुआ था। शनिवार तड़के भारी पुलिस बल दरगाह परिसर स्थित उनके आवास पर पहुंचा और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर थाने ले गई। थाना गंज में उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने बताया कि सीएए हिंसा के गंज और शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमों की विवेचना में सामने आया है कि फरहत अहमद जमाली हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है।
बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के परिवार से मौलाना तौकीर रजा रामपुर हाफिज शाह जमाल उल्लाह की दरगाह पर पहुंचें। इस मौके पर तौकीर रजा ने कहा कि किसान आंदोलन में जाना ज़िला प्रशासन के लिए तकलीफ़देय है और किसान आंदोलन में जाना गुनाह है तो पहले उन लोगो को उठाओ को वहां बैठे हुए है वो बड़े मुजरिम है जो हिमायत करने गए है वो छोटे मुजरिम है। उनपर दबाव बनाना गलत है।