फैक्ट चेक: क्या सऊदी सरकार ने तब्लीग़ी जमात पर प्रतिबंध लगाया है? जानें क्या है सच्चाई!

छह दिसंबर को सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से होने वाले एक ट्वीट ने भारत में तब्लीग़ी जमात को एक बार फिर चर्चा में ला दिया। इस ट्वीट के हवाले से भारत के लगभग तमाम छोटे-बड़े मीडिया संस्थानों ने ख़बरें चलाईं कि सऊदी अरब ने तब्लीग़ी जमात को आतंकवाद का द्वार बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया है। यह ख़बर इतनी तेज़ी से फैलीं की देवबंद स्थित दारुल उलूम को प्रेस बयान जारी कर सऊदी अरब सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई।

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लेकिन सवाल यह है कि क्या सऊदी सरकार ने वास्तव में तब्लीग़ी जमात को प्रतिबंधित कर दिया है? हिंदी, अंग्रेज़ी के तमाम मीडिया संस्थानों ने यही ख़बर प्रसारित की है कि सऊदी सरकार ने तब्लीग़ी जमात को प्रतिबंधित कर दिया है। इन संस्थानों ने अपनी ख़बर की पुष्टी के तौर पर सऊदी सरकार के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय द्वारा किये गये ट्वीट का हवाल दिया है।

फैक्ट चेक

सऊदी अरब सरकार में इस्लामिक मामलों के महामहिम मंत्री, डॉ. अब्दुल्लातीफ अल अलशेख ने मस्जिदों के इमामों और मस्जिदों को निर्देश दिया कि जुमा की नमाज़ तबलीगी जमात और दावा (दावत) (दोनों का मुशतर्का नाम ‘अल अहबाब) से लोगों को चेताएं। मंत्री डॉ. अब्दुल लतीफ़ ने कहा इमाम इनकी गड़बड़ियां और बिदअत के साथ साथ यह भी बताएं कि ये कुछ कहें मगर टेररिज्म फैलाने वाला यह पहला दरवाज़ा है। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय की ओर से चार निर्देश दिये गये हैं, जो निम्नलिखित हैं-

1- इस समूह के पथभ्रष्टता, विचलन और खतरे की घोषणा, और यह कि यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है, भले ही वे कुछ दावा करें।

2- उनकी सबसे प्रमुख गलतियों का उल्लेख करें।

3- समाज के लिए उनके खतरे का उल्लेख करें।

4- यह कथन कि सऊदी अरब साम्राज्य में (तब्लीगी और दावा समूह) सहित पक्षपातपूर्ण समूहों के साथ संबद्धता निषिद्ध है।

इन निर्देशों में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि सऊदी अरब सरकार ने तब्लीग़ी जमात को प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि सऊदी सरकार ने तब्लीग़ी जमात को आतंकवाद का द्वार जरूर बताया है लेकिन उसे प्रतिबंधित करने का कोई उल्लेख नहीं है, इसलिये यह कहना कि सऊदी सरकार ने तब्लीग़ी जमात को प्रतिबंधित कर दिया है, यह दावा भ्रामक और मनघड़ंत है।

1926 में तब्लीगी जमात स्थापना हुई थी

गौरतलब है कि तब्लीगी जमात की इसकी स्थापना 1926 में भारत में की गई थी. ये दल मुसलमानों को मज़हबी तौर पर रहने के तरीके को बताता है. खासतौर पर ड्रेसिंग, व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों के संबंध में. तब्लीगी जमात के दुनियाभर में 40 करोड़ रुक्न होने का अनुमान है.

आखिर क्या करती है ये तंज़ीम

तबलीगी जमात  से जुड़े लोग मुस्लिम मोहल्लों में जाकर वहां के लोगों को दीन की राह पर चलने के लिए कहते हैं. दूसरे अलफाज़ में कहें तो संगठन के लोग मुस्लिम पुरुषों को पठानी सलवार पहनने, मूंछ साफ करने और दाढ़ी बढ़ाने की तरगीब देते हैं. दिन में पांचों वक्त नमाज पढ़ने और महिलाओं को बुर्का या पर्दा करवाने पर भी उनका खास जोर रहता है.