नईदिल्लीः मुल्क हिंदुस्तान की फिजाओं में जहां आज की तारीख में नफरत का ज़हर घुलने का काम हो रहा है ठीक ऐसे समय में जब एक हिंदू भाई राजन कपूर जोकि फरीदाबाद में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे ठीक उसी समय दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट डाली जिसमें लिखा था कि मेरे दोस्त जैसे भाई राजन कपूर जो कि अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं उनको ओ पॉजिटिव ब्लड की बहुत सख्त जरूरत है।
ऐसे में एक चेहरा सामने उभर कर आया जिसका नाम शादाब चौधरी है। हम आपको बता दें कि यह वो शादाब चौधरी हैं, जिन्होंने होश संभालने के बाद से ही समाज के हितों के लिए कार्य करने शुरू कर दिए थे जब से शादाब चौधरी ने होश संभाला है तभी से शादाब चौधरी वह चाहे गांव के काम हों या शहर के काम हों किसी भी काम के लिए वह पीछे नहीं हटते हैं।
शादाब चौधरी ने रोजा रखा हुआ था लेकिन काफी देर सोच विचार करने के बाद शादाब चौधरी ने फैसला लिया कि इंसानियत मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है क्यों ना मैं किसी की जान बचाने के लिए अपने रोजे को तर्क कर दूं। इसके लिए उन्होंने एक मुफ्ती साहब की मदद मांगी उन्होंने कहा कि अगर आपके खून देने से किसी की जान बच सकती है तो आप रोजा तर्क कर सकते हैं। किन्तु शादाब चौधरी ने बिल्कुल भी देर न कि और अपने रोजे को तर्क करने का फैसला कर लिया।
आपको बता दें शादाब चौधरी जो “चौधरी वेलफेयर एनसीआर एसोसिएशन” के अध्यक्ष है उन्होंने एक पल भी देर न की और नोएडा से अपनी कार में बैठकर 60 किलोमीटर का लंबा सफर तय किया जो कि बहुत ही सराहनीय काम था। इस काम की चारों और प्रशंसा भी हो रही है यह एक तरह से हिंदू मुस्लिम एकता को को दर्शाता है। लगभग 25 बार शादाब ने ब्लड डोनेट किया जो कि इंसानियत के काम आया भले वो किसी भी जाति से रहा हो जबकि 25 में से 13 /14 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं, जिसमें अधिकतर