‘सबूत’ प्लांट किया जा सकता है, सबूत तलाशने के लिए घूमना हो सकता है

संजय कुमार सिंह

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आप जानते हैं कि खबरों की सच्चाई का पता लगाने वाले ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक, मोहम्मद जुबैर (@zoo-bear) को 1983 की हिन्दी फिल्म, ‘किसी से ना कहना’ की एक तस्वीर को, जो ना कभी प्रतिबंधित की गई, ना संपादित की गई, ट्वीटर पर शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इस पोस्ट के साथ कैप्शन भी था पर शिकायतकर्ता को  दिक्कत फोटो से थी जो हनीमून होटल को सुधार या बिगाड़ कर हनुमान होटल बना देने की है और यह संशोधन उस फोटो में भी दिख रहा है।

अब पता चल रहा है कि ट्वीटर पर इस फोटो की शिकायत दर्ज करने वाला हैंडल फर्जी था  हालांकि, अखबारों की खबरों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान सुओ मोटो कार्रवाई की गई है। इसमें गौरतलब है कि पोस्ट 2018 की है और एक व्यक्ति (ट्वीटर हैंडल) के अलावा किसी की भावना आहत नहीं हुई है। फिर भी मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया गया और वह पुलिस रिमांड पर है क्योंकि बैंगलोर के उसके घर से पुराना कंप्यूटर या लैपटॉप बरामद किया जाना है। इसमें सरकारी पैसा बर्बाद होगा किसी प्रिय पुलिस कर्मी (मातहत) को घूमने का मौका दिया जा सकेगा। बॉस की धाक जमेगी पर यह सब अलग मुद्दा है। 

साकेत जैन ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया है कि बीजेपी ने दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर को फंसाया और इसका पुख्ता सबूत दिया है। उन्होंने शिकायतकर्ता ट्वीटर हैंडल  @balajikijaiin नाम के अकाउंट की जांच की। कल तक (दो दिन पहले तक ) अकाउंट में 1 फॉलोअर थे। हालांकि, फरवरी में, खाते ने साइनपोस्ट इंडिया नामक कंपनी के बारे में एक पोस्ट को “पसंद” (लाइक) किया था।

अब यही वह तथ्य है जो मामले को दिलचस्प बनाता है। साइनपोस्ट इंडिया एक सोशल मीडिया एजेंसी है जिसमें बीजेपी क्लाइंट के रूप में 202, प्रेसमैन हाउस, मुंबई के पते के साथ है। (प्रेसमैन नाम एक एक पुरानी पीआर एजेंसी का भी है जिसका दफ्तर दिल्ली में भी होता था)।

इसमें अनुमान क्या लगाएं? बीजेपी यूथ विंग के आईटी सेल के प्रमुख देवांग दवे साइनपोस्ट इंडिया और उसी पते पर स्थित एक अन्य एजेंसी के मालिक हैं।

देवांग दवे वही आदमी है जिसे टेक फॉग नाम से बीजेपी के मास-ट्रोलिंग ऐप के मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया गया था, जिसे द वायर ने उजागर किया था। यह शीशे की तरह साफ है कि भाजपा के आईटी सेल और टेक फॉग मास्टरमाइंड ने दिल्ली पुलिस की मिलीभगत से जुबैर को निशाना बनाने और फंसाने के लिए फर्जी अकाउंट @balajikijaiin बनाया।

तो अच्छे दिन या सबका साथ सबका विकास या नामुमकिन मुमिकन है का सच यह है अब आपको अपराध करने की भी जरूरत नहीं है – दिल्ली पुलिस में शामिल बीजेपी और उसके बिकाऊ लोग आपको फंसाने की व्यवस्था कर सकते हैं। याद कीजिए कि कैसे भीमा कोरेगांव के आरोपी के कंप्यूटर में झूठे सबूत लगाए गए थे। और उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सारा मामला कितना शैतानी हो गया है।