गिरीश मालवीय
जैसे ही दिल्ली चुनाव का मतदान संपन्न हुआ आश्चर्य प्रकट होने लगा कि चुनाव आयोग बार बार दिल्ली के मतदान के आंकड़े बढ़ाए चला जा रहा है, और अभी तक मतों का कुल प्रतिशत आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया है. शनिवार शाम 5 बजे चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ट्वीट करती हैं कि दिल्ली में कुल वोटिंग 44.52% हुआ है। मतदान खत्म होने के बाद शाम को यह खबर आती है कि मतदान 56%के लगभग हुआ है सुधीर चौधरी जिनका DNA ही खराब है वह दिल्ली की पब्लिक को गरियाना शुरू कर देते है. रात में चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत का आँकड़े फिर बदल जाता है अब कहा जाता है कि लास्ट में वोटिंग खत्म होते होते कुल वोटिंग 61.75% की हो गई है, अर्थात सिर्फ अगले डेढ़ घण्टे में करीब 17% वोट करिश्मे की तरह बढ़ जाते है। और वोटिंग पिछली बार से महज 5 या 6 प्रतिशत ही कम होती है तब भी सुधीर चौधरी दिल्ली की जनता को वोट नही करने के लिए देशद्रोही बताते हैं.
हमारी विधानसभा बाबरपुर में वोटिंग खत्म होने पर सभी EVM मशीन स्ट्रांग रूम भेज दी गई उसके बाद सरस्वती विद्या निकेतन पोलिंग स्टेशन पर एक अधिकारी EVM के साथ पकड़ा गया है । मैं इलेक्शन कमिसन से अपील करता हूँ की इस पर तुरंत करवाई किया जाए।@ECISVEEP pic.twitter.com/e1qlE98Ia0
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) February 8, 2020
नवनीत इसका कारण स्प्ष्ट करते हुए बताते हैं कि कल शाम कोअचानक आइटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का ट्वीट आता है कि हमारे कार्यकर्ताओ ने अंतिम समय के लास्ट घण्टे में जनता को प्रेरित किया और घर से निकल कर बूथ तक भेजा ओर इससे वोटिंग बढ़ गई, आज दोपहर तक भी चुनाव आयोग फाइनल फिगर नही दे रहा है जबकि मतदान की अगली सुबह तक फाइनल आंकड़े आ जाते हैं. इस बात से मुझे अपनी एक पुरानी पोस्ट याद आयी दरअसल 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में नौ राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए ओर रात 9:39 तक 63.16 फ़ीसदी मतदान दर्ज किया गया था.
लेकिन जब अगले दिन इलेक्शन कमीशन की वोटर टर्नआउट ऐप’ पर डेटा अपडेट हुआ तो सिर्फ 2 राज्यों में तस्वीरे पूरी तरह से बदल चुकी थी ये 2 राज्य है उड़ीसा ओर पश्चिम बंगाल. इन दोनों राज्यों में मतदान का प्रतिशत अचानक से लगभग 7 से 8 प्रतिशत बढ़ गया ओडिशा में यह 64.24%से बढ़कर सीधे 72.89% हो गया और पश्चिम बंगाल में 76.72% से सीधा बढ़कर 82.77% हो गया.
बाकी राज्यों में भी थोड़ी घट बढ़ हुई थी जैसे महाराष्ट्र में 55.86% से 56.61% हुआ है, राजस्थान में 67.91% से 68.16% हुआ. लेकिन इन दो राज्यों में जहाँ बीजेपी की स्थिति सबसे कमजोर थी और सारी ताकत उसने इन्ही 2 राज्यों पर लगा रखी थी उन्हीं 2 राज्यों के मतदान के आंकड़ों में इतना बड़ा मेजर चेंज आ गया. और जब 2019 में लोकसभा के परिणाम आए तब इन राज्यों में बीजेपी को 2014 की तुलना में काफी अधिक सीट मिली, दिल्ली तो पूरी तरह से अरबन इलाका है बंगाल और उड़ीसा के बारे में तो यह तर्क भी दिया जा रहा था कि सुदूर इलाको से रिपोर्ट देरी से आई इसलिए ऐसा हुआ लेकिन दिल्ली में तो ऐसी कोई दिक्कत नही थी तो मतदान का अचानक से बढ़ा हुआ प्रतिशत कैसे दिखाया जा रहा है? क्या दिल्ली में भी बीजेपी की सीटों की संख्या आश्चर्य जनक रूप से बढ़ने जा रही है? चुनाव आयोग की विश्वसनीयता कटघरे में है.
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार)