नई दिल्ली/पटनाः बिहार सरकार में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन बिहार के ज्यादातर उद्योग एमएसएमई के दायरे में हैं। बिहार में उद्योग क्षेत्र में तेज विकास के लिए लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग प्राथमिकता सूची में नंबर वन पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार – दोनों का ही लक्ष्य लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग यानी एमएसएमई को मजबूती प्रदान करना है। ये बातें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुजफ्फरपुर में एमएसएमई विकास संस्थान, पटना और एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रचार एवं एमएसएमई जागरुकता कार्यक्रम में कही जिसका मकसद राज्य में एमएसएमई सेक्टर को मजबूती प्रदान करने के लिए चल रही नीतियों, योजनाओं से उद्यमियों, भावी उद्यमियों और युवाओं को अवगत कराना था।
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उद्यमियों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होने के कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने हेतु सभी स्तर पर काम किया जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण चंपारण में मेगा टेक्सटाइल पार्क को लेकर प्रयास है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि आगामी 01 अप्रैल से बिहार में सिंगल विंडो सिस्टम कार्य करना शुरू कर देगा इससे एक ही छत के नीचे उद्योग स्थापना हेतु सारी सुविधाएं उद्यमियों एवं भावी उद्यमियों को सुलभ होगी जिससे सूबे में तेजी से विकास हो पाएगा, उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे निभाते हुए बिहार को एक दिन उद्योग क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाऊंगा ।
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में एमएसएसई सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए अनेकों योजनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की इथेनॉल पॉलिसी के तहत जो रियायतें दी गई वो भी एक तरह से बिहार में एमएसएमई को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बेजोड़ पहल है। उन्होंने कहा कि बिहार में जो पिछले एक साल में करीब 40 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव हैं उनमें से ज्यादातर लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग हैं। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य तेजी से हासिल हो सके, इसके लिए उनकी पूरी प्राथमिकता एमएसएमई सेक्टर है।
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लक्ष्यों में कोशिश होती है कि एमएसएमई ईकाईयों को उत्पाद के चयन से लेकर ईकाई की स्थापना में पूरी मदद की जाए, उत्पाद के निर्माण और उसकी मार्केटिंग में भी सहयोग मिले। अगर उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पकड़ बनाने लायक हैं तो उसके निर्यात में हर संभव मदद की जाए। इसके अलावा एमएसएमई ईकाईयों के आधुनिकीकरण से लेकर पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की भी केंद्र व राज्य सरकार की अनेकों योजनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से उद्यमी रजिस्ट्रेशन, एमएसएमई चैम्पियन, प्रोक्योरमेंट व मार्केंटिंग सपोर्ट स्कीम, इंटरनेशनल को-ओपरेशन स्कीम, पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी जैसी बेहद कारगर योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए बिहार में क्लस्टर योजना पूरी मुस्तैदी के साथ जमीन पर उतारी जा रही है और इससे बिहार के कई जिलों में अच्छे क्लस्टर तैयार हुए हैं जहां औद्योगिक गतिविधियां बहुत अच्छे से चल रही हैं तो राज्य के औद्योगिकीकरण के लक्ष्य में ये मददगार है।
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अभी हाल ही में हमने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जो राज्य में 16 हजार युवाओं को 5 लाख लोन और 5 लाख अनुदान के लिए चयनित किया है, ये बिहार में एमएसएमई की मजबूती के लिए बहुत बढ़िया जमीन तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना, राज्य के पीएसयू द्वारा क्ल्स्टर विकास, बिहार स्टार्ट अप नीति, मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्ल्स्टर विकास योजना, ऐसी कई योजनाएं हैं जिनसे बिहार में लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं।
अपने उदबोधन में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार के सिंगल विंडो पोर्टल चैम्पियन के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की और बिहार सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी exempt करने के बारे में भी बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एमएसएमई मंत्रालय, एमएसएमई विकास संस्थान मुजफ्फरपुर के निदेशक प्रदीप कुमार आईईडीएस ने कार्यक्रम की शुरुआत उद्योग मंत्री को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा इस कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक ऐसा मौका है जिसका लाभ उठाकर उद्यमी एवं भावी उद्यमी तथा शिक्षित युवा उद्यमिता के माध्यम से स्वरोजगार अपनाकर अपना किस्मत बदल सकते हैं, साथ ही साथ वे बेरोजगारी को कम करने में भी कारगर हो सकते हैं। सरकार की योजनाओं एवं नीतियां पहले की अपेक्षा अब सरल एवं सुलभ हैं, आगे उन्होंने कहा कि आज के डिजिटलाइजेशन के युग में लाइसेंस की प्रक्रिया वहुत ही आसान है एवं सुदूर बाज़ार भी सभी के पहुंच में है। उनका संस्थान मंत्रालय की नीतियों/योजनाओं को वर्चुअल एवं फिजिकल माध्यम से उद्यमियों के बीच पहूंचाता रहा है एवं इसे आगे भी जारी रखा जायेगा।
इस मौके पर अति विशिष्ट अतिथि के रुप में एच पी सिंह , संयुक्त निदेशक ,एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार , नई दिल्ली ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर कार्यालय के अधिकारियों की सराहना की एवं कहा कि मुजफ्फरपुर का कार्यालय मुख्यालय के अपेक्षा अनुरूप कार्य कर रहा है, ऐसे आयोजनों से इस क्षेत्र के लोग जरूर लाभान्वित होंगेय़
इस मौके पर अतिथि के रूप में डॉक्टर शेषधर पांडे, निदेशक ,राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने लीची के क्षेत्र में रोजगार के अवसर एवं मखाना रिसर्च केंद्र दरभंगा के डॉ इंदु शेखर सिंह ने मखाना के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर तलाशने की संभावनाओं पर चर्चा की एवं अपने विभाग की योजनाओं के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तार पूर्वक बताया
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, पटना की मुख्य प्रबंधक श्रीमती किरण मारिया तिरु ने अपने निगम की योजनाओं की विस्तृत चर्चा उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष किया और लाभ लेने हेतु प्रेरित किया।
इस मौके पर भरत अग्रवाल , उपाध्यक्ष BIA, पटना एवं श्याम सुंदर भीम सेरिया, भूतपूर्व अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, बिहार , नीलकमल, अध्यक्ष , उत्तर बिहार उद्यमी संघ, मुजफ्फरपुर एवं दिनेश पासवान DICCI, वाइस प्रेसिडेंट ईस्ट इंडिया ने भी अपने विचार रखे।
भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक ने अपने बैंक द्वारा एम् एस एम् ई हेतु उपलब्ध प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मुहैया कराई। जिला उद्योग केंद्र, मुजफ्फरपुर के महाप्रबंधक विनय कुमार मलिक सहित अन्य कार्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए एवं कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का समापन कार्यालय के सहायक निदेशक रमेश कुमार यादव के धन्यवाद ज्ञापन से