नई दिल्ली: डॉ. मुमताज आलम रिज़वी देश के जाने-माने पत्रकार, लेखक, कवि और लेखक हैं. देश और देश के हालात पर उनकी गहरी नज़र है. दरअसल, मुस्लिम उम्माह को भी एक निडर प्रवक्ता मिलेगा. ये विचार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलमीन, दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने प्रेस को जारी एक बयान में व्यक्त किए। डॉ. मुमताज़ आलम रिज़वी का जन्म तैबापुर, कोशाम्बी में हुआ था और वे लंबे समय से दिल्ली में रह रहे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। वे एक ही समय में एक उपन्यासकार, कवि और पत्रकार हैं। आधा दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
इससे पहले वह मुल्क के मशहूर उर्दू अखबार इंकलाब में चीफ ऑफ नेशनल ब्यूरो के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। हिंदू मुस्लिम में उनका आना नेकफाल होगा नया पदभार संभालने के बाद मुमताज आलम रिजवी ने कहा कि क्यों समझते हैं फेसबुक भारत के मुसलमानों पिछड़ों और दलितों को न्याय की आवश्यकता है तमाम राजनीतिक पार्टियां धर्म की सियासत कर रही हैं, जनता की आवाज उठाने वाले बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब के अलावा कोई नहीं इसलिए मैंने एम आई एम का दामन थामा है ताकि अत्याचार के खिलाफ खड़ा हो सके और उनकी आवाज में आवाज़ मिलाकर उनका साथ दे सकूं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुसलमीन में उनका शामिल होना एक अच्छा शगुन होगा।
ज़िम्मेदारी हासिल करने के बाद मुमताज आलम रिजवी ने कहा कि उनका मानना है कि मुस्लिम उम्माह और पिछड़े और दलित वर्गों को इस समय न्याय की जरूरत है। सभी राजनीतिक दल धर्म की राजनीति कर रहे हैं इसलिए मैं मजलिस में शामिल हुआ हूं ताकि मैं मजलूमों के पक्ष में आवाज मिला कर ओवैसी को ताकत दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कलीमुल हफ़ीज़ की अध्यक्षता में दिल्ली मजलिस का काम उल्लेखनीय है, उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने मजलिस को दिल्ली के लोगों के लिए आशा की किरण बना दिया है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके मार्गदर्शन में कार्य करने का अवसर मिलेगा ।