मुजफ्फरनगर: जन्म पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण जांच के मामले में एक साल पहले 30 हजार रुपये लेते रंगेहाथ पकड़ी गईं जिले की प्रसिद्ध प्रसूती रोग विशेषज्ञ डा. दीप्ति अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। थाना सिविल लाइन पुलिस ने कोर्ट से कुर्की वारंट जारी होने के बाद यह कार्रवाई की। इससे पहले कोर्ट उनके एनबीडब्लू जारी कर चुका था। पुलिस ने डा. दीप्ति अग्रवाल का चालान कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि मुकदमें में नामजद लवी त्यागी को 7 जनवरी 2022 तथा बाला देवी को 12 मार्च को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
हरियाणा प्रदेश के जनपद रेवाड़ी के स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम ने नोडल अफसर डॉ. सुरेंद्र यादव के नेतृत्व में 24 जून की रात सरकुलर रोड स्थित दीप्ति नर्सिंग होम पर छापा मारकर गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण का मामला पकड़ा था। हरियाणा से आई टीम की एक महिला कर्मचारी को ही फर्जी मरीज बनाकर 40 हजार रुपये में लिंग परीक्षण का सौदा किया गया था। इनमें से 10 हजार रुपये आनलाइन खाते में जमा कराते हुए बाकी के 30 हजार रुपये टीम ने नर्सिंग होम में पहुंचकर डा. दीप्ति अग्रवाल को दिये थे।
डॉ. दीप्ति अग्रवाल महिला मरीज को लेकर जैसे ही अल्ट्रासाउंड कक्ष में गई। हरियाणा व जनपद की पीसीपीएनडीटी टीमों ने छापा मारकर उन्हें पकड़ लिया था। जनपद टीम के तत्कालीन नोडल अफसर डॉ. राजीव निगम ने बताया था कि डा. दीप्ति अग्रवाल व हॉस्पिटल की महिला कर्मचारियों लवी, अमिता और बाला देवी के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। नर्सिंग होम में मौजूद अल्ट्रासाउंड मशीन, कैमरा और डीवीआर हार्ड डिस्क को भी सील कर दिया गया था। हांलाकि उस समय पूछताछ के बाद आरोपी महिला डॉक्टर व कर्मचारियों को छोड़ दिया गया था।
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की थी चार्जशीट
घटना के मुकदमे की विवेचना थाना सिविल लाइन पुलिस ने की थी। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर डा. दीप्ति अग्रवाल सहित सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। जिसके उपरांत कोर्ट से आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। थाना सिविल लाइन पुलिस ने दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एसओ थाना सिविल लाइन बिजेन्द्र रावत ने बताया कि बुधवार को मुख्य आरोपी डा. दीप्ती अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि डा. अग्रवाल की गिरफ्तारी अंतर्गत धारा-420,120(बी) भादवी व धारा-4,5(2),6(ए),23,29 पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत की गई। बताया कि डॉ. दीप्ति अग्रवाल (उम्र करीब 66 वर्ष) पुत्री प्रेमचंद, निवासी दीप्ति मेटरनिटी होम, सर्कुलर रोड उक्त मुकदमे में वांछित चल रही थी।
कई समाजसेवी संगठनों से जुड़ी है डॉ. दीप्ति
बालिकाओं की कोख में ही दुश्मन बनी डॉ दीप्ति अग्रवाल दिखावे के लिए जनपद की कई समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ीं हुईं थीं। इन संगठनों के जरिये वे बालिका सुरक्षा और बालिका शिक्षा की मुहिम में अग्रिम भूमिका निभाती थी, लेकिन अपने अल्ट्रासाउंड सेंटर पर वे इसके ठीक उलट भूमिका निभाते हुए नवजात बच्चियों का गर्भ में ही लिंग परीक्षण कर उनका जीवन शुरू होने से पहले ही कत्ल कराने में अग्रणीय थी। हरियाणा प्रांत के जनपद रेवाड़ी की पीसीपीएनडीटी टीम की दबिश में डॉ.दीप्ति अग्रवाल के इस दोहरे चरित्र का खुलासा हुआ था, जिसके बाद जनपद व शहर क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों में इसे लेकर काफी चर्चाएं भी रहीं थीं।