मौलाना कल्बे सादिक़ के परिवार से मिले डॉ. अय्यूब, कहा ‘वे शिक्षा, सद्धभाव और एकता के अलंबरदार थे’

लखनऊः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब आज जाने माने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्ब ए सादिक़ के परिवार से मिलने पहुंचे। बता दें कि मौलाना कल्बे सादिक़ का 24 नवंबर को निधन हो गया था। डॉ. अय्यूब ने मौलाना क़ल्बे सादिक़ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मौलाना कल्बे ए सादिक़ राष्ट्रीय एकता एंव भाईचार एंव आपसी सद्धभाव के पैरोकार थे, उनके जाने से समाज का भारी नुक़सान हुआ है।

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जानकारी के लिये बता दें कि मौलाना कल्बे सादिक़ दो साल से बीमार चल रहे थे। निमोनिया होने पर इन्हें लखनऊ के एरा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया। जहां 24 नवंबर को डॉ.सादिक़ ने अंतिम सांस ली। डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि विभिन्न धर्मों, जातियों और मुसलमानों के तमाम मसलकों की एकता स्थापित करने के प्रयास करने वाले डॉ. सादिक़ ने हमेशां अशिक्षित समाज में शिक्षा की अलख जलाने पर बल दिया। उन्होंने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए इल्म की रौशनी फैलाने पर विशेष बल दिया। और इस मिशन को ना सिर्फ तक़रीलों और तहरीरों के जरिए बल्कि अमली तौर पर आगे बढ़ाया।

डॉ. सादिक़ के परिवार के बीच पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अय्यूब सर्जन

पीस पार्टी अध्यक्ष ने डॉ. कल्बे सादिक़ को याद करते हुए कहा कि मौलाना कल्बे सादिक अज्ञानता, भ्रष्टाचार और गरीबी को देश की तरक्की की रुकावट मानते थे। उनका कहना था कि किसी भी किस्म के आतंकवाद का वास्ता किसी भी धर्म से नहीं हो सकता हां किसी भी तरह की सियासत से आतंकवाद का रिश्ता ज़रूर हो सकता है।

डॉ. अय्यूब ने कहा कि मौलाना कल्बे सादिक़ ने हिंदू-मुस्लिम और शिया-सुन्नी के बीच किसी भी खायी को भरने के लिए मोहब्बत और एकता के पैग़ाम दिए। डॉ. अय्यूब ने बताया कि मौलाना सादिक़ बेखौफ और बेबाक थे। वे धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों के भी धुरविरोधी थे। उनका साफ कहना था कि अस्ल मजहब जोड़ता है तोड़ता नहीं है। जो तोड़े वो मजहब सियासत होती है।