लखनऊः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने ‘लव जिहाद’ शब्द पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह शब्द समाज में नफरत फैलाने के उद्देश्य से भाजपा एंव उसके अनुषांगिक संगठनों द्वारा ईजाद किया गया है। पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. अय्यूब ने कहा कि संविधान ने तमाम नागरिकों को बालिग़ होने पर अपनी मर्ज़ी से शादी करने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा मिले अधिकार के मुताबिक़ शादी के लिये लड़का और लड़की का बालिग़ होना अनिवार्य है, भले ही वह किसी जाति या धर्म का मानने वाले क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि भाजपा समाज में नफरत का ऐजेंडा चला रही है, पीस पार्टी उसका विरोध करती है। डॉ. अय्यूब ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी, जंगलराज को दूर करने में नाकाम रही है, जनता को बताने के लिये उसके पास कुछ नहीं है इसलिये ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं।
शाहनवाज़ और मुख्तार से लें इस्तीफा
पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने भाजपा से मांग की है कि अगर उसे लगता है कि हिंदु युवती का मुस्लिम युवक से शादी करना अपराध है तो इसके लिये सबसे पहले भाजपा के उन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए जिन्होंने अंतर्धार्मिक शादियां की हुईं हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और भाजपा के वरिष्ठ नेता एंव प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन का नाम लेकर कहा कि पहले भाजपा इन नेताओं को पार्टी से बाहर करे।
डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि भाजपा समाज में विघटन पैदा करने के लिये इस तरह के मुद्दे उठाकर ध्रुवीकरण कराना चाहती है। पीस पार्टी शांति न्याय एंव भाईचारे में विश्वास रखती है, इसलिये भाजपा द्वारा समाज को तोड़ने की जो कोशिशें हो रहीं हैं, उनका पुरज़ोर तरीक़े से विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की समस्या से जुड़े मुद्दे भाजपा के लिये मुद्दे नहीं है, चुनाव में जाने के लिये भाजपा के पास कोई ऐसा काम नहीं है जिसके बल पर वोट मांगा जा सके, इसलिये फिजूल के मुद्दे उठाए जा रहे हैं।
पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने हाल ही में एक हिंदुवादी नेता द्वारा हिंदुस्तान अख़बार में प्रकाशित किये गए कथित संविधान विरोधी विज्ञापन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ईद के मौक़े मुबारकबाद का एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था तो मेरे ऊपर मुकदमा लगाकर, एनएसए के तहत जेल में बंद कर दिया। अब इलाहाबाद के रहने वाले अतुल द्विवेदी ने देश को को हिंदुराष्ट्र बनाने के लिये विज्ञापन प्रकाशित कराया है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रावाई नहीं हुई है। सरकार का और प्रशासन का यह दोहरा रवैय्या चिंता का विषय है।” उन्होंने मांग की कि संविधान विरोधी विज्ञापन प्रकाशित कराने वाले युवक के खिलाफ सख्त कार्रावाई की जानी चाहिए।