जेल में रहकर भी पस्त नहीं हुआ डॉ. अय्यूब का हौसला, कहा ‘जारी रहेगा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध’

लखनऊः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब सर्जन ढ़ाई महीने से भी अधिक समय तक जेल में रहने के बाद रिहा हुए हैं। उन्हें एमपी, एमएलए कोर्ट ने 21 अक्टूबर ज़मानत दी थी, जिसके बाद उन्हें शनिवार सुब्ह रिहा कर दिया गया। डॉक्टर अय्यूब पर आरोप था कि उन्होंने कथित तौर से एक विवादित विज्ञापन एक उर्दू में अख़बार में प्रकाशित कराया था। उस विज्ञापन की एक कथित समाजिक कार्यकर्ता द्वारा लखनऊ के हज़रतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके बाद 31 जुलई को डॉ. अय्यूब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।

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जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने लखनऊ स्थित पीस पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी आप बीती सुनाई। उन्होंने कहा उन्हें देश के संविधान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है इसीलिये वे जेल से बाहर आ पाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा तो यह है असहमति की आवाज का गला दबाकर लोकतंत्र को कमज़ोर किया जाए लेकिन भारतीय संविधान के आगे सरकार भी मजबूर है, इसीलिए राजनीतिक दुर्भावना के चलते मुझे जेल तो भेज दिया लेकिन अदालत के सामने सरकार की कोई दलील टिक नही पाई।

डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि पीस पार्टी हमेशा से शांति न्याय एंव भाईचारा की विचारधारा पर काम करती रही है, और आगे भी करती रहेगी। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी जिस तरह पहले भी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संवैधानिक संघर्ष करती रही है, आगे भी इसी तरह जनविरोधी नीतियों का विरोध किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी किसानों, मजदूरों, बुनकरों, महिलाओं, युवाओं की लड़ाई लड़ती आई है, और आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी। हम राजनीतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं एवं हमें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश की जनता इस अहंकारी सरकार को आने वाले समय में लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने का काम करेगी।

हम भाजपा के ऐजेंडे में फिट नहीं बैठते

डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि भाजपा ने भारतीय राजनीति का सांप्रादायिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जान बूझकर विवादित मुद्दे उठाकर जनता को आपस में ही उलझा दिया जाता है, ताकि जनता मंहगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, कुव्यवस्था पर सवाल ही न कर सके। हमारी पार्टी शांति न्याय भाईचारा की विचारधारा की पार्टी है इसलिये हम लोग इस सरकार की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। हम दबे कुचले, शोषित वर्ग के प्रतिनिधत्व की बात करते हैं, उनके अधिकारों की बात करते हैं, इसलिये हम (पीस पार्टी) भाजपा के ऐजेंडे में फिट नहीं बैठती। भाजपा के ऐजेंडे में वही लोग फिट बैठते हैं जो उसी की तरह की राजनीति समुदाय विशेष की ओर से करते हैं।

पूर्व विधायक डॉक्टर अय्यूब कहते हैं कि हमारे पास अपने मुद्दे हैं, देश की बहुत बड़ी आबादी को उनके अधिकारों से वंछित रखा गया है, किसानों को उनकी फसलों का वाजिब मूल्य नहीं मिल पाता, युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रहीं हैं, बुनकरों को बिजली के नाम पर लूटने का काम किया जा रहा है। हम इन जनरविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं, हम समाज की एकजुटता की राजनीति करते हैं, हम बिखराव की राजनीति नही करते इसलिये हमें बार बार टार्गेट किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब मुझे फर्जी मामले में जेल भेजा गया है, इससे पहले साल 2017 में भी मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा लगाकर मुझे जेल में रखा गया था। डॉक्टर अय्यूब कहते हैं कि सरकार के इन तमाम हथकंडों से हम डरने वाले नहीं हैं।