लखनऊः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगभग ढ़ाई महीने जेल में रहने के बाद रिहा हुए हैं। रिहाई के बाद वे पहली गोरखपुर के ख़लीलाबाद स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। बता दें कि डॉक्टर अय्यूब खलीलाबाद से ही साल 2012 में विधायक चुने गए थे। हालांकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंहे देखना पड़ा था।
पीस पार्टी अध्यक्ष को 31 जुलई को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने कथित तौर पर एक उर्दू अख़बार में विवादित विज्ञापन प्रकाशित कराया है। इसके बाद उन पर रासुका लगा दिया गया, लेकिन एडवाईजरी बोर्ड ने रासुका हटा दिया, उसके बाद लखनऊ की एमपी, एमएलए कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।
जेल से रिहा होने के बाद डॉक्टर अय्यूब ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि यूपी सरकार कानून का दुरुपयोग करके लोकतंत्र का गला घोट रही है। उन्होंने लखनऊ स्थित पीस पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी आप बीती सुनाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें देश के संविधान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है इसीलिये वे जेल से बाहर आ पाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा तो यह है असहमति की आवाज का गला दबाकर लोकतंत्र को कमज़ोर किया जाए लेकिन भारतीय संविधान के आगे सरकार भी मजबूर है, इसीलिए राजनीतिक दुर्भावना के चलते मुझे जेल तो भेज दिया लेकिन अदालत के सामने सरकार की कोई दलील टिक नही पाई।
डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि पीस पार्टी हमेशा से शांति न्याय एंव भाईचारा की विचारधारा पर काम करती रही है, और आगे भी करती रहेगी। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी जिस तरह पहले भी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संवैधानिक संघर्ष करती रही है, आगे भी इसी तरह जनविरोधी नीतियों का विरोध किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी किसानों, मजदूरों, बुनकरों, महिलाओं, युवाओं की लड़ाई लड़ती आई है, और आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी। हम राजनीतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं एवं हमें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश की जनता इस अहंकारी सरकार को आने वाले समय में लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने का काम करेगी।