दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा CM केजरीवाल को पत्र, ‘फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीक़ी के परिवार को एक करोड़ मुआवज़ा की मांग’

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांगेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने अफगानिस्तान में युद्ध कवर करते हुए गोली लगने से मरने वाले भारतीय मूल के फोटोग्राफर श्री दानिश सिद्दकी को एक करोड़ की सम्मान राशि और दिल्ली सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान अवार्ड देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि श्री दानिश अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स में पत्रकारिता करते थे, उनके निधन से न सिर्फ पत्रकारिता जगत बल्कि दिल्ली को भी भारी निजी क्षति हुई है।

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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि श्री दानिश सिद्दकी का नाम फोटो पत्रकार के रुप में विश्व विख्यात था, उन्हे अमेरिका द्वारा पत्रकारों को दिया जाने वाला पुलित्जर पुरस्कार से 2018 में सम्मानित किया गया था। फोटो जर्नलिस्टों में दानिश का नाम दुनिया भर में उच्च श्रेणी में आता है, क्योंकि वह अपने काम को लग्न और निडरता के साथ करते थे। दानिश अफगानिस्तान में युद्ध को पहली बार कवर नही कर रहे थे, उससे पूर्व भी उन्हांने युद्ध अथवा संकट के दौरान फोटो पत्रकारिता की थी। दानिश को गोली तब लगी जब वह तालिबान और अफगान सैनिकों के बीच गोलीबारी को कवर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जामिया में जब हिंसा हुई तब वह बंदूकधारी युवक के बिलकुल सामने से फोटो खींच रहे थे।


चौधरी अनिल कुमार ने बताया कि दिवंगत दानिश सिद्दकी दिल्ली में जामिया गफ्फार मंजिल के निवासी थे और जामिया मीलिया इस्लामिया के छात्र भी रहे। परिवार में उनके पिता अख्तर सिद्दकी जामिया विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर है, मॉ, छोटी बहन और एक छोटा भाई है, दानिश परिवार में बड़े थे। दानिश पत्नी सहित दो बच्चे भी छोड़ गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली का बेटा होने के नाते अरविन्द केजरीवाल दानिश सिद्दकी के परिवार को विशेष सुविधा दे। कैमरे के द्वारा दिल्ली सहित देश का नाम गौरान्वित करने वाले दानिश को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे और उनकी पत्नी और बेटियों को एक करोड़ की सम्मान राशि देकर सम्मानित करें।


चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि श्री दानिश की फोटाग्राफी हर क्षेत्र में अदभुत थी और युद्ध ही नही, कैसा भी संकट का समय हो उन्होंने अपने काम हर परिस्थित में संभव करके दिखाया। उन्होंने कहा कि दानिश की फोटो पत्रकारिता के कारण ही कोविड काल की दूसरी लहर में मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर किया था जबकि केन्द्र सरकार का बयान आ रहा था कि मौते बहुत कम हो रही है जबकि दानिश के कैमरे की फोटो द्वारा सच्चाई दुनिया के सामने आई।