धर्म संसद मामला: राहुल बोले हिंदुत्ववादी हमेशा नफ़रत व हिंसा फैलाते हैं, लेकिन अब और नहीं

नयी दिल्लीः हरिद्वारा में भड़काऊ बयान देने के लिये मशहूर विवादित बाबा यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित धर्म संसद विवादों में घिर गई है। दरअस्ल इस कथित धर्म संसद के मंच से पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और मुसलमानो के ख़िलाफ विवादित एंव भड़काऊ बयानबाजी की गई है। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तब कहीं जाकर उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया।

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धर्म के नाम पर आयोजित इस तथाकथित धर्म संसद में हुई बयानबाजी की चौतरफा निंदा हो रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब और नहीं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी हमेशा नफ़रत व हिंसा फैलाते हैं। हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई इसकी क़ीमत चुकाते हैं। लेकिन अब और नहीं!

अखाड़ा परिषद ने झाड़ा पल्ला

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने हरिद्वार में संपन्न हुए संत सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी करने तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की निंदा की है। रविंद्र पुरी ने कहा कि हरिद्वार में पिछले दिनों हुए संत सम्मेलन में कुछ लोगों द्वारा जिस तरह की भाषा इस्तेमाल किया है उसका कतई समर्थन नहीं किया जा सकता है इस तरह की अमर्यादित भाषा से सभी को बचना चाहिए था।

उन्होंने कहा संत सम्मेलन में मंच पर जो लोग बैठे थे उन्होंने अति उत्साह में बिना सोचे समझे इस तरह की भाषा का प्रयोग किया जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है उन्होंने कहा कि वह संत समाज की ओर से सभी से क्षमा प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अमर्यादित भाषा को ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए यह कुछ गैर जिम्मेदार लोगों की हरकत है जिससे अखाड़ा परिषद का कोई लेना देना नहीं है।

गंगा में शव बहाने की बात हुई सही साबित,मुआवजा दे सरकार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पीड़ितों के शवों को गंगा में बहाने की बात अब नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख भी मान चुके हैं, इसलिए सरकार को पीड़ित परिजनों की आर्थिक मदद कर उन्हें न्याय देना चाहिए।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “गंगा की लहरों में कोविड मृतकों के दर्द का सत्य बह रहा है जिसे छुपाना संभव नहीं। पीड़ित परिवारों को हर्जाना देना न्याय की तरफ़ पहला कदम होगा।” इसके साथ ही उन्होंने एक खबर भी पोस्ट की जिसमें कहा गया है कि नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि दूसरी लहर के दौरान गंगा में बहाई गई थी पीड़ितों की लाशें।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार भले ही आंकड़े छिपाती रही हो लेकिन अब नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख ने भी स्वीकार कर लिया है कि गंगा में शव बहाए गये थे। उनका कहना था कि सरकार को कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए विशेषज्ञों की बात पर ध्यान देना चाहिए।