दिल्ली के आफताब की ग्रेटर नोएडा में हुई थी लिंचिंग, वक्फ बोर्ड ने दिया पीड़ित परिवार को सहारा, बेटे को दी नौकरी

नई दिल्लीः दिल्ली के त्रिलोक पुरी निवासी आफताब आलम की 6 सितंबर 2020 की रात गुरुग्राम से बुलंदशहर सवारी छोड़कर दिल्ली लौटने के दौरान हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को बुलंदशहर से सवारी बनकर कैब में बैठे बदमाशों ने बादलपुर क्षेत्र में वारदात को अंजाम दिया था। परिजनों का आरोप था कि आफताब आलम की लिंचिंग की गई गई। अब दिल्ली वक्फ बोर्ड ने पीड़ित परिवार को सहारा देते हुए दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड ने आफताब आलम के बेटे मोहम्मद साबिर को वक्फ में नौकरी दी है।

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दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और ओखला विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली के त्रिलोक पूरी के रहने वाले कैब ड्राइवर मरहूम आफताब आलम जिनकी ग्रेटर नोएडा में लिंचिग कर हत्या कर दी गई थी उनके बेटे मोहम्मद साबिर को दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में नौकरी दी और साथ ही दो लाख रुपए का चेक सौंपा है। अमानतुल्लाह ख़ान ने कहा कि अल्लाह ताला से मेरी दुआ है कि किसी भी इंसान को इस तरह के दर्द और हैवानियत का सामना ना करना पड़े।

क्या था पूरा मामला

दिल्ली के त्रिलोकपुरी निवासी 42 वर्षीय आफताब आलम 6 सितंबर 2020 को गुरुग्राम से एक युवती को बुलंदशहर उसके घर छोड़ने गए थे। युवती को उसके घर छोड़कर वह घर लौट रहे थे। रात करीब 12 बजे पुलिस को गश्त के दौरान आफताब अपनी कार में जीटी रोड पर मोहन स्वरूप अस्पताल के पास घायलावस्था में मिले। अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों ने हत्या और नकदी-मोबाइल लूट की धारा में बादलपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने दावा किया था कि कुछ बदमाश बुलंदशहर क्षेत्र में ही सवारी बनकर उनकी कैब में सवार हो गए थे। इसके बाद केस को बुलंदशहर स्थानांतरित कर दिया गया।

लुहारली टोल के सीसीटीवी में कैद हुए थे आरोपी

पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में पता चला था कि लुहारली टोल से कैब निकलने के दौरान आरोपियों का टोल कर्मियों से भी विवाद हुआ था। आरोपी खुद को स्थानीय बता रहे थे। टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपियों की तस्वीर कैद हुई थी। उस वक्त पुलिस ने इसी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान और जल्द गिरफ्तारी का दावा भी किया था।

41 मिनट की ऑडियो में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाने का आरोप

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आफताब को कैब में बैठे आरोपियों पर संदेह हो गया था। उन्होंने फास्टैग में पैसा नहीं होने पर बेटे मोहम्मद साबिर को फोन कर रिचार्ज करने को कहने को कहा था। उन्होंने बिना कॉल काटे मोबाइल जेब में रख दिया था। 41 मिनट से अधिक की ऑडियो रिकॉर्डिंग में आरोपियों की आवाज कैद है। बेटे साबिर का आरोप था कि रिकॉर्डिंग में बातचीत के अलावा ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाने का दबाव बनाने की आवाज कैद है। आरोपियों ने उस दौरान आफताब को शराब की भी पेशकश की थी।