नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 2020 के दंगे के एक मामले में यहां की एक अदालत ने गुरुवार को एक व्यक्ति को पांच साल कैद की सजा दी। जानकारी के लिये बता दें कि वर्ष 2020 के दंगों के मामले में पहली बार किसी व्यक्ति को सजा मिली। इससे पहले कई आरोपी रिहा हो गए थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट की अदालत ने दिनेश यादव को दंगा, लूटपाट और आगजनी समेत विभिन्न आपराधिक मामलों में परिस्थिति जन्य सबूतों के आधार पर दोषी ठहराते हुए सजा दी। पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा स्थित इस अदालत ने गत छह दिसंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था तथा 12 दिसंबर को उसे दोषी ठहराया था।
यह मामला गोकुलपुरी के भागीरथी विहार का है, जहां फरवरी 2020 को दंगे हुए थे। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि 150-200 लोगों की बेकाबू भीड़ ने कई मकानों पर हमले किए थे। बेकाबू लोगों की भीड़ द्वारा लूटपाट और आगजनी की घटनाएं की गई थी। दिनेश की पड़ोसी एक मुस्लिम परिवार ने लूटपाट,आगजनी एवं दंगा करने के आरोप लगाए थे। दिनेश को तीन जून 2020 को एक अन्य अपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
सुनवाई के दौरान 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान आरोपी के खिलाफ आरोपों की तस्दीक करते हैं। अपने बयान में शिकायतकर्ता मनोरी ने कहा कि वो किसी आरोपी को पहचानती नहीं है। उसने कहा कि उसके घर के आस पास बड़ी संख्या में दंगाईयों की भीड़ एकत्र हो गई थी, जिसके बाद वो शाम को चार बजे छत के जरिये दूसरे घर में कूद गई, जिससे उसकी जान बच सकी। उसने कहा कि दंगाई उसके मवेशियो को भी नहीं छोड़ा और अपने साथ ले गए।
साल 2020 के फरवरी महीने में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी और दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हिंसा में सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियों का काफी नुकसान हुआ था।