नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के स्वरूप विहार, भलस्वा डेरी क्षेत्र में जहांगीरपुरी में एक विशेष वर्ग वाली विचारधारा के तहत मॉब लिंचिंग के शिकार हुए सरफराज़ सुपुत्र भूरा खान (स्वर्गीय) की मां और दूसरे परिवार जनों से उनके घर जाकर मुलाकात की। मकान नंबर डी – 36 स्वरूप विहार में रहने वाली भूरा ख़ान की विधवा खुशनुमा, अपनी दो नौजवान बच्चियों के साथ रहती है। उनके घर में उनका 22 वर्षीय इकलौता बेटा सरफराज़ अकेला कमाने वाला था। जब जमीअत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल इनके घर पहुंचा तो मां ग़म और सदमे में डूबी हुई थी।
सरफराज़ के परिजनों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि 23 मई की रात 9 बजे 22 वर्षीय सरफराज़ किसी दोस्त के कहने पर बाहर निकला। वह देर रात तक वापस नहीं आया। 24 मई की सुबह सवेरे आगे की गली से उसकी लाश मिली। जिसे मोहल्ले के ग़ैर मुस्लिमों ने बांधकर बड़ी बेरहमी से पीटा था जिससे उसकी मौत हो गई थी। मौत किस हालत में हुई और उसे किस तरह मारा गया, यह तो अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। मृतक सरफराज़ के बहनोई कहते हैं कि उसे कुछ लोगों ने बांधकर पूरी रात पीटा। जिस गली में यह घटना हुई उसमें सभी लोग उसे जानते थे लेकिन मानवता पर हैवानियत- शैतानियत हावी थी।
कहां तक पहुंची कार्रावाई
स्वरूप नगर थाना पुलिस ने एफआईआर नंबर 0249 के तहत कुछ अज्ञात संदिग्ध लोगों के खिलाफ़ एफआईआर भी दर्ज की है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। जबकि कुछ लोगों के खिलाफ़ नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई है और तीन लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। लेकिन न्याय मिलने को लेकर सरफराज़ की मां, निराशा में है। सरफराज़ की विधवा मां कहती हैं कि उनके बच्चे को शैतान ने मार दिया, पति के दुनिया से चले जाने के बाद वह (लड़का सरफराज़) मेरे लिए सहारा था। लेकिन अब खुदा के अलावा मेरा कोई सहारा नहीं है। मृतक सरफारज़ की मां के पास अब घर के नीचे बनी छोटी सी दुकान ही जिंदगी बसर करने का सहारा है। लेकिन दुकान में कोई अधिक सामान नहीं है। और न अब तक किसी सरकारी संस्था या सरकार की तरफ से उसे कोई मुआवज़ा मिला है और न कोई सरकारी विभाग उससे मिलने गया है।
सरफाराज़ की विधवा मां ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, मौलाना महमूद मदनी साहब के नाम एक पत्र लिखकर सहयोग और सहायता की अपील की है। जमीयत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधि मंडल ने उनकी हर संभव सहायता का विश्वास दिलाया है। इस संबंध में जमीयत उलमा दिल्ली राज्य के उपाध्यक्ष क़ारी अब्दुल समी और मौलाना ज़ियाउल्लाह क़ासमी उनके परिवार जनों से संपर्क में रहेंगे और उनकी हर संभव सहायता करेंगे। अगर कानूनी कार्रावाई में भी कोई बाधा आती है तो जमीअत उलमा-ए-हिंद उनकी मदद करने को पूरी तरह से तैयार है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव, मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, मौलाना क़ारी अब्दुल समी, उपाध्यक्ष, जमीयत उलमा दिल्ली प्रदेश, मौलाना ज़ियाउल्लाह क़ासमी, मौलाना यासीन जहाज़ी, मौलाना अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी और मौलाना रहमतुल्लाह, बवाना शामिल थे।