नई दिल्लीः कर्नाटक में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते राज्य के मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई ने राज्य के स्कूल कॉलेज को तीन दिन को बंद रखने का फैसला लिया गया था। बीते रोज़ इसी मुद्दे पर बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने सरकार पर तीखा प्रहार किया। हिजाब के मुद्दे पर आन्दोलन कर रही मुस्लिम छात्राओं के बारे में बोलते हुए सदन में कहा कि छात्रवृत्ति तो दूर की बात है आज छात्राओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है उन्हें हिजाब पहन कर कक्षा में बैठने भी नहीं दिया जा रहा है, जिसकी इजाजत हमारा संविधान देता है।
कुंवर दानिश अली ने हज सब्सिडी पर बोलते हुए कहा कि कोई हज सब्सिडी नहीं चाहता है। कोई भी धार्मिक तीर्थयात्रा सरकारी पैसे पर नहीं होना चाहिए। लेकिन आपने वायदा किया था कि यह सब्सिडी खत्म करके हम मुस्लिम लड़कियों को छात्रवृत्ति देंगे लेकिन अभी तक नहीं दिया।
बजट पर क्या बोले
लोक सभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए बसपा सांसद दानिश अली ने कहा बजट का बहुत गंभीरता से अध्ययन किया है। इस बजट में हम 25 साल बाद की बात कर रहे हैं। यह अच्छी बात है, हम यह कह रहे हैं कि वर्ष 2047 तक यह हो जाएगा, वह हो जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह भी वैसे ही होगा, जैसे वर्ष 2022 के लिए आज से पांच साल पहले वादा किया गया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।
अमरोहा से सासंद कुंवर दानिश अली ने कहा कि हम ने देखा है कि कोरोना काल में हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह से चरमरा गयी थी। मुझे उम्मीद थी कि इस बजट में आदरणीय वित्त मंत्री जी स्वास्थ्य अवसंरचना को सुचारू करने के लिए ज्यादा से ज्यादा बजट देंगी, यह मैं नहीं कह रहा हूं, यह इस देश के कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ कह रहे हैं। खास तौर से अनुसंधान पर कुछ नहीं हुआ मैंने मजूमदार शॉ का भी बयान पढ़ा है। इस देश का यह बड़ा दुर्भाग्य है कि इस देश की 57 प्रतिशत दौलत दो प्रतिशत लोगों के पास है। 57 प्रतिशत दौलत के मालिक दो प्रतिशत लोग हैं। यह बजट असमानता को और बढ़ाने वाला बजट है। गरीब और गरीब हो रहे हैं, अमीर और अमीर हो रहे हैं। कोरोना में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइज) खत्म हो गई, छोटे दुकानदारों की आय खत्म हो गई, छोटे दुकानदारों का कारोबार खत्म हो गया, लेकिन चंद लोगों, अडानी और अंबानी जैसे लोगों की दौलत कई गुना बढ़ गई है। देश के 142 लोगों की दौलत 23 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर 56 लाख करोड़ हो गई है। क्या यह नया भारत है, क्या हम ऐसा नया भारत चाहते हैं। वन नेशन-वन थॉट पर नया भारत नहीं बन सकता है। वन नेशन-वन फेथ पर नया भारत नहीं बन सकता। वन नेशन-वन लैंग्वेज, वन नेशन-वन लीडर, वन नेशन-वन कल्चर, वन नेशन वन ड्रेस, क्या यही नया भारत है?
किसान ऐसे भारत को नकारता है
बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि आज की संरचना नए भारत की, यह हो सकती है, लेकिन देश का अवाम, देश का किसान ऐसे नए भारत को नकारता है। मैं कहना चाहता हूं कि आपने देश के किसानों से वादा किया था कि वर्ष 2022 तक उनकी आय दोगुनी कर देंगे, उस वादे का क्या हुआ? सरकार पर कटाक्ष करते हुए आगे उन्होंने कहा कि यह सरकार हमेशा अपना गोल पोस्ट चेंज करती है। आप देखिये कि यह हर साल नए बजट में नए गोल पोस्ट चेंज करती है। रेलवे को नष्ट किया जा रहा है। एयर इंडिया बिक गई, सारी चीजें बिक गई।
प्रधानमंत्री के संबोधन पर कटाक्ष
प्रधानमंत्री द्वारा संसद में दिए गये वक्तव्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी पंडित नेहरू जी के कार्यकाल से शुरू करते हैं, कहते है की किसी ने कुछ नहीं किया है। मैं देख रहा था कि कितने माननीय प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में कितने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) बने, मैं गिनती करके बता सकता हूं, लेकिन इस सरकार में एक भी नया पीएसयू नहीं बना। पीएसयूज को बेचने का काम किया गया, लगातार सरकार उन्हें बेच रहे हैं। सरकार एससी/एसटी के रिजर्वेशन को खत्म करना चाहती है। बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी ने हमें जो संविधान में रिजर्वेशन दिया है, सरकार उसको खत्म करना चाहती है।
आगे अल्पसंख्यकों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए आवंटन की बात की गई, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात की गई, पिछले वर्ष अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने जवाब में कहा है कि पिछले पांच सालों में अल्पसंख्यक कल्याण की अनुदान में 50 प्रतिशत की कमी आई है। खासकर, उत्तर प्रदेश में उसका जो उपयोग है, अगर माननीय वित्त मंत्री जी अनुदान आवंटन भी कर दें, उसका उपयोग उचित नहीं हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष केवल 9.7 प्रतिशत अल्पसंख्यक अनुदान का उपयोग हुआ है, यह रिकॉर्ड है। यह मंत्री का जवाब है। यह प्रश्न काल में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री का जवाब है। वह भी उनकी तनख्वाह में गया होगा।
उन्होंने कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए किसानों, अकलियतों, एससी/एसटी की छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति के लिए कुछ नहीं कहा गया है।