नई दिल्ली: लोक सभा में सांसद अमरोहा, कुँवर दानिश अली ने केंद्रीय हज कमेटी के सम्बंध में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से कुछ सवाल पूछे जिन का उन्हें सरकार से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। उन्होंने चिंता ज़ाहिर की कि केन्द्र सरकार सेंट्रल वक़्फ़ काउन्सिल जैसे अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों की तरह सेंट्रल हज कमेटी, जिसमें दो लोक सभा के सांसदों को भी शामिल किया जाता है, का पुनर्गठन सरकार पिछले ढाई साल से टाल रही है।
दानिश ने कहा कि हज कमेटी का पुनर्गठन न होने से पिछले कई वर्षों से काफी दिक्कत हुई है। भले ही पिछले दो सालों में हज यात्रा नहीं हुई हो, लेकिन 21 इम्बार्केशन पॉइंट्स जहां से हज के लिए फ्लाइट्स जाती थीं, जिन में वाराणसी, चेन्नई आदि भी थे। वहाँ से आने वाले हाजियों को भी दिक़्क़त हो रही है।
हाजियों को मिलने वाली सब्सिडी के मुद्दे पर दानिश अली ने कहा कि इसका फ़ायदा हाजियों को नहीं बल्कि “महाराजा” यानि एअर इंडिया को हो रहा था। इसी लिये मुस्लिम समाज की माँग थी कि सरकार इस सब्सिडी को ख़त्म करे ताकि उनपर किये जाने वाले एहसान दावा ख़त्म हो।
सरकार ने बाद में यह दावा किया कि वो सब्सिडी के पैसे से ग़रीब मुस्लिम लड़कियों को स्कालर्शिप देकर उनकी ज़िंदगी बेहतर बना रही है लेकिन हमेशा की तरह तथ्यों को देश से छुपा रही है और यह बताने को तैयार नहीं है कि अब तक कितना पैसा ग़रीब मुस्लिम बच्चियों को स्कालर्शिप के रूप में दिया गया है?
दानिश ने कहा “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” जैसे नारे देने वाली सरकार सब कुछ अपने नियंत्रण में रखना चाहती है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री सदन में दानिश अली के सवालों का कोई ठोस एवं तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाये।