नई दिल्लीः भारत में जाति आधारित सांप्रदायिकता कितनी ख़तरनाक है, समय-समय पर होने वाली घटनाएं इसका प्रमाण देती रहती हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के दमोह का है जहां एक दलित समुदाय के एक बच्चे द्वारा पानी छू लेने की सज़ा पूरे परिवार को दी गई है। मामला दमोह के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाले बमोरी पांजी गांव का है। शनिवार को घटी इस घटना में दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद दलित परिवार के पांच लोग घायल हो गए। सभी जिला अस्पताल में इलाजरत हैं।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़ घायल मनोहर अहिरवाल ने बताया कि उसके बच्चे पास में ही धर्मेंद्र लोधी की दुकान में सामान खरीदने के लिए गए थे। वहां उनके बच्चों ने दुकान में रखे कुप्पे का पानी पी लिया जिससे दुकानदार नाराज हो गया और उसने बच्चों को मारपीट कर वहां से भगा दिया। दोनों बच्चे रोते हुए घर पहुंचे, तो उसकी मां ने बच्चों से रोने का कारण पूछा। बेटों ने बताया कि दुकानदार ने उसके साथ मारपीट की है।
घायल मनोहर की मां ने बताया कि जब वह अपने नाती को लेकर दुकानदार के पास पहुंची और मारने का कारण पूछा, तो उसने जाति सूचक का अपमान करते हुए गालियां देना शुरू कर दिया और उसे भी वहां से मारते हुए घर तक ले गया।
महिला ने बताया कि घर पर उसके पति बहू और बच्चे भी थे। दुकानदार के साथ पहुचे लोगों ने उन सभी के साथ मारपीट की जिसमें वह घायल हो गए। दलित परिवार के अनुसार उनके साथ मारपीट करने वालों में नर्मद लोधी, कोमल लोधी, राजेंद्र लोधी धरमू लोधी, देवी लोधी शामिल है। फिलहाल घायलों का इलाज चल रहा है। अस्पताल पुलिस चौकी में सूचना दी गई है। इसके बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।