पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश के किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ कृषकों के जारी आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार को वार्ता के नाम पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों को अपमानित किया है। केंद्र की मौजूदा सरकार में ऐसे आंदोलन को दबाने का एक तरह का पैटर्न बन गया है। सरकार पहले ऐसे आंदोलनों को दबाती है फिर गलत प्रचार करती है, दमन अभियान चलाती है लेकिन जब आंदोलन नहीं रुकता तो कहती है कि यह सबकुछ विपक्ष के उकसावे पर हो रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कृषि कानूनों के बारे में सरकार कह रही है किसान इसे समझ नहीं पा रहे हैं तो क्या पंजाब जैसे विकसित प्रदेशों के किसानों को अब खेती-बारी सीखने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाना होगा।
भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कह रही है कि पंजाब में मंडियों को खत्म कर देने से किसानों को फायदा होगा। इस मामले में बिहार और पंजाब का उदाहरण एक साथ लें तो और अच्छा रहेगा। पंजाब में मार्केटिंग का सिस्टम था, बिहार में तो वर्ष 2006 में बाजार समितियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भंग कर दिया। बिहार के लोग पहले से ही इसके शिकार हैं। सरकार ने जो रास्ता चुना है यदि इससे खेती मजबूत होती, आमदनी बढ़ती तो बिहार में खेती सुधर गई होती लेकिन बिहार के किसानों की आमदनी घटती चली गई। पंजाब के लोगों को पता है कि इससे अब उनकी खेती चौपट की जा रही है और पूरी खेती-किसानी को कॉर्पोरेटों का गुलाम बनाया जा रहा है।