नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी छात्र एक्टिविस्ट सफूरा जरगर को ईद-उल-मिलाद के त्योहार के अवसर पर एक समारोह ‘अकीका’ में शिरकत करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए कश्मीर में अपने घर जाने की अनुमति दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सफूरा की याचिका को इस शर्त पर स्वीकार कर लिया कि वह जांच अधिकारी द्वारा किए जाने वाले सत्यापन के उद्देश्य से गूगल मैप्स पर एक पिन डालेंगी।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ “आवेदक आधिकारिक ईमेल के माध्यम से जांच अधिकारी को अपनी यात्रा का कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेगा। आवेदक गूगल मेप पर ‘ड्रॉप-ए-पिन’ करेगा, ताकि जांच अधिकारी आवेदक की उपस्थिति और स्थान को सत्यापित कर सके। जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर पहले से ही आवेदक को ज्ञात है और वर्तमान आवेदन में भी उसका उल्लेख है।” जानकारी के लिये बता दें कि सफ़ूरा जरगर को पिछले साल 23 जून को मानवीय आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस शर्त के साथ जमानत दी थी कि अगर वह दिल्ली क्षेत्र से बाहर जाना को चाहती हैं तो संबंधित अदालत की अनुमति लेनी होगी।
अदालत एंव क़ानून से जुड़ी कवरेज़ करने वाली वेबसाइट लाईव लॉ की ख़बर के मुताबिक़ इस प्रकार दिल्ली की अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया था जिसमें कहा गया था कि चूंकि वह और उनके पति के गृहनगर किश्तवाड़ में हैं, इसलिए उन्हें कश्मीर की यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि समारोह वहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान जरगर की ओर से यह प्रस्तुत किया गया कि उन्हें 30 दिनों के लिए यानी 16 जुलाई से 16 अगस्त तक अपने निवास स्थान पर अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने देखा कि उक्त आवेदन का अभियोजन द्वारा विरोध नहीं किया गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि, “किश्तवाड़, कश्मीर में अपने मूल निवास स्थान जाने के लिए आवेदक के वर्तमान आवेदन को 16.07.2021 से एक महीने की अवधि के लिए अनुमति दी जाती है।”