झांसी: उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी आये जगद्गुरू परमहंस आचार्य अयोध्या ने शनिवार को एक विवादित बयान दिया है। इस धर्म गुरू ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं ने देश में आकर असंख्य हिंदू मंदिरों को तोड़ा यह किसी से छिपा नहीं है। इन सभी मंदिरों को एक एक कर वापस लिया जायेगा।
पत्रकारों से बात करते हुए इस विवादित धर्म गुरु ने कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं ने देश में ऐसे 40 हजार मंदिर तोड़े और उनपर मस्जिदें बनाई गई। ऐसे मंदिरों की लिस्ट उनके पास है। इन मंदिरों को एक एक करके वापस लिया जायेगा।
विवादित धर्म गुरु ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि 2024 से पहले देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए अगर जल्द ही ऐसा नहीं हुआ तो भारतीय संस्कृति को बचाना मुश्किल हो जायेगा। ज्ञानवापी से लेकर कुतुबमीनार तक सर्वे के दौरान मिले सबूतों पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भारतीय संस्कृति के देवी देवताओं का मखौल उड़ाया जा रहा है उन पर वजू करने की बात की जा रही है यह शर्मनाक है। यदि ऐसा ही उनके पैगंबरों के साथ किया जाए तो उनकी भावनाएं कितनी आहत होंगी।
मुस्लिम समुदाय पर निशाना
अक्सर विवादित बयान देने वाले इस धर्म गुरु ने मुस्लिम समुदाय पर जमकर हमला बोला। जगद्गुरू ने कहा कि अतीत से लेकर वर्तमान तक इस्लाम के नाम पर मुसलमानों ने गैर मुस्लिमों पर जिस तरह से हिंसा की है,वह क्षम्य नहीं है। इस्लाम कबूल न करने के कारण छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिन तक तड़पा कर मारा था। गुरु गोविंद सिंह के बच्चों को इस्लाम कबूल न करने के चलते जिंदा दीवार में चुनवा देना, वर्तमान में लव जिहाद के नाम पर हिंदू बच्चियों को फंसा कर धर्मांतरण करवाना , गौ मांस खिलाना जैसे कृत्यों को किस तरह से स्वीकार किया जा सकता है।
इस विवादित बयानवीर ने कहा कि जहां मुस्लिम आबादी गांव या शहर में ज्यादा हो गई है हिंदुओं का जो पलायन हो रहा है। किसी भी हिंदू त्योहारों पर पत्थरबाजी आज भी हो रही है। इन तमाम हालातों को देखते हुए बहुसंख्यक समाज ने निर्णय लिया है कि देश का विभाजन पुनः न हो, भारतीय संस्कृति बची रहे इसलिए भारत हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
समाज के अच्छे मुसलमानों पर सवाल उठाते हुए पीठाधीश्वर ने कहा कि कश्मीर में पत्थर फेंके जाने के दौरान हमारे सैनिक घायल हो जाते थे या कभी-कभी वह शहीद भी हुए उस पर जो अपने को राष्ट्रवादी मुस्लिम कहते थे उनकी मौन स्वीकृति देखी गई।
पाकिस्तान और बंग्लादेश को लेकर मुसलमानों पर निशाना
उन्होंने कहा कि वैसे भी देश का बंटवारा मुसलमानों के कहने पर हुआ था। उन्हें पाकिस्तान व बांग्लादेश मिला जो इस्लामिक देश बन चुके है। वहां हिंदुओं को मुस्लिम बनाने व हत्या करने को न तो भुलाया जा सकता है और न क्षमा किया जा सकता है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में यह स्थिति भारत में भी है। केरल जैसे क्षेत्रों में अलग देश की मांग उठने लगी है। कदाचित सत्ता बदल गई तो इसके बाद हिंदू अस्तित्व को मिटने से कोई रोक नहीं सकता। इसलिए 2024 के पूर्व भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने को बहुसंख्यक वर्ग संकल्पित है।
ज्ञानवापी मामले से लेकर कुतुबमीनार तक के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी सर्वे में जो शिवलिंग मिला उसको लेकर के तमाम बुद्धिजीवी मुस्लिमों द्वारा वजूखाने व फब्बारे की बात की जा रही है। इससे बहुसंख्यकों की आस्था उसी तरह आहत हो रही है, जिस तरह कोई पैगंबर मोहम्मद, कुरान या अल्लाह पर थूकने की बात करें तो मुस्लिम वर्ग आहत होगा। जिस तरह मुस्लिम अल्लाह को मानते हैं वैसे ही बहुसंख्यकों के शिव आराध्य हैं, वह ईश्वर है।
उन्होंने कहा कि देश में जितने भी मुस्लिम व ईसाई हैं वह परिवर्तित हुए हैं। यदि वे घर वापसी करते हैं तो इनके लिए विकल्प खुला है। उन्हें सनातनी टाइटल देते हुए गीता व रामायण का पाठ करने का विकल्प है। यह अपने घर की वापसी कर सकते हैं। वरना उन्हें इस्लामिक देशों की तर्ज पर रहना होगा। उन्होंने उन लोगों को भी चेताया जो तलवारों के डर से सलवार पहनकर मुस्लिम बने हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उस समय उनके पास कोई विकल्प न रहा हो। लेकिन अब तुष्टीकरण की राजनीति नहीं है। अब वे साहस के साथ घर वापसी कर सकते हैं।