भाजपा नेताओं की विवादित बयानबाज़ी: कतर ने भारतीय राजदूत को किया तलब

नई दिल्ली: भाजपा नेताओं द्वारा पैग़ंबर-ए-इस्लाम पर विवादित बयान की दुनिया भर मे निंदा हो रही है। इसी क्रम में कतर ने भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया है। कतर की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कि भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू कतर के दौरे पर हैं। घटनाक्रम पर दोहा में भारतीय दूतावास की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि कतर की तरफ से आपत्तिजनक ट्वीट्स को लेकर चिंता जतायी गयी है। जिसके जवाब में भारत की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि ये ट्वीट भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

भारत की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।भारत की तरफ से कहा गया है कि हमें ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए, जिनका लक्ष्य हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को कम करना है।

गौरतलब है कि भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने हाल ही में अंग्रेजी टीवी चैनल पर डिबेट शो के दौरान पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान दिया था। वहीं भाजपा के दिल्ली प्रदेश के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल ने भी पैग़ंबर-ए-इस्लाम पर एक के बाद एक कई विवादित एंव अपमानजनक ट्वीट किये थे। रविवार को भाजपा ने इन दोनों नेताओं की विवादित बयानबाजी से अपने आप को अलग करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है।

बताते चलें कि शनिवार को भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू कतर पहुंचे हैं। रविवार को उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सानी से यहां मुलाकात की और दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की तथा व्यापार, निवेश, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग समेत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। नायडू का शनिवार को कतर पहुंचने पर दोहा हवाई अड्डे पर रस्मी स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उपराष्ट्रपति 30 मई से सात जून तक तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में अरब मुल्क पहुंचे हैं।

हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं

कानपुर और अन्य स्थानों पर बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कहा कि वह सभी धर्मों का आदर करती है और वह किसी भी धर्म या उसे मानने वाले को अपमानित करने के विरुद्ध है। भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें पार्टी समर्थकों भी को हिदायत दी गई है कि वे सभी मजहब और संप्रदायों का आदर करें और किसी भी अन्य धर्म एवं उसके अनुयायियों को अपमानित करने या नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करें।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत की हजारों वर्षों के इतिहास में यहां हर धर्म फूला फला है। भारतीय जनता पार्टी हर धर्म का आदर करती है। भारतीय जनता पार्टी किसी भी धर्म और उस धर्म के किसी भी व्यक्ति की अपमान, तिरस्कार की कठोर निंदा करती है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाजपा ऐसी किसी भी विचारधारा का कड़ा विरोध करती है जो किसी अन्य धर्म या संप्रदाय को अपमानित करती है या नीचा दिखाती है। भाजपा किसी ऐसी दर्शन या व्यक्ति को कतई प्रोत्साहन नहीं देती है।

भाजपा ने कहा कि भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छा से कोई भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का आदर करने का अधिकार दिया गया है। आज जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75 वी वर्षगांठ मना रहा है तब हम एक ऐसे महान भारत को बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां सभी नागरिक बराबर हो और प्रत्येक नागरिक को गरिमा के साथ जीने का अधिकार हो। जहां सभी नागरिक भारत की एकता और अखंडता के प्रति कृतसंकल्प हो तथा वे भारत की प्रगति के लाभों का आनंद उठा सकें।

भाजपा ने इस विज्ञप्ति के माध्यम से देश विदेश में राजनीतिक आलोचनाओं को भी शांत करने का प्रयास किया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हाल ही में काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी विवाद को लेकर बयान दिया था जिसमें उन्होंने भारतीय मुसलमानों को हिन्दू पूर्वजों का वंशज बताया था और सैकड़ों वर्षों पहले मुस्लिम हमलावरों के द्वारा मंदिरों के ध्वंस के लिए उन्हें जिम्मेदार मानने से मना किया था।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हाल ही में काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी विवाद को लेकर बयान दिया था जिसमें उन्होंने भारतीय मुसलमानों को हिंदू पूर्वजों का वंशज बताया था और सैंकड़ों वर्षों पहले मुस्लिम हमलावरों द्वारा मंदिरों के ध्वंस के लिए उन्हें जिम्मेदार मानने से इंकार कर दिया था।