लखनऊ: कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि आईआईटी, एम्स जैसे संस्थान कांग्रेस ने ही बनाए हैं जबकि भाजपा सरकार ने बनाने की बजाय बेचने को प्राथमिकता दी।
प्रियंका ने फेसबुक लाइव के जरिये युवाओं से संवाद करते हुये कहा “ कांग्रेस बार-बार कह रही है कि जातिवाद और सांप्रदायिक राजनीति से जनता का विकास नहीं होगा, लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा। जो लोग 70 साल की बात कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि आईआईटी, एम्स जैसे संस्थान कांग्रेस ने ही बनाए हैं। बीते साल में भाजपा सरकार ने बनाया तो कुछ नहीं, हाँ बेचा जरूर है। अब रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करेंगे तो नौकरियां ख़त्म ही ही होगी।”
उन्होने कहा “ मुझे समझ नहीं आता है कि भाजपा सरकार को छात्रों से, अभ्यर्थियों से बात करने में क्या परेशानी है। इंदिरा जी के समय में जेएनयू में छात्र आंदोलन हुआ, वह छात्रों से मिलने गईं, वहां के छात्र संघ अध्यक्ष ने उन्हें अपनी मांगे पढ़कर सुनाई कि आप इस्तीफ़ा दो, आपको कुलाधिपति नहीं होना चाहिए, उन्होंने जेएनयू के कुलाधिपति पद से इस्तीफ़ा भी दिया। लेकिन आज छात्रों को धमकाया जा रहा है, पीटा जा रहा है, छात्रसंघ के चुनाव बंद कर दिए हैं। ”
प्रियंका ने कहा कि भाजपा चुनाव के समय रोजगार की बात इसीलिए नहीं करती है क्योंकि न तो उसने कुछ किया और न ही उसका कुछ करने का इरादा है। उत्तर प्रदेश में नेता जान रहे हैं कि लोग पानी, नल, सड़क, विद्यालय की स्थिति को देखकर नहीं बल्कि जाति के आधार पर वोट दे रहे हैं। तो वह विकास की बातें क्यों करेंगे क्योंकि उन्हें पता कि वोट उन्हें मिलना है और जहां से वोट नहीं मिलने हैं, वहां डरा धमकाकर वोट मिल जाएगा।
उन्होने कहा कि अहंकार से ग्रस्त इस सरकार को समझ नहीं आ रहा कि युवाओं को रोजगार देकर वे अहसान नहीं कर रहे बल्कि यह उनकी ड्यूटी है। युवा जब हक मांगते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है। कांग्रेस के भर्ती विधान में हमने इसीलिए जॉब कैलेंडर बनाने की बात की है, ताकि समय से भर्तियां सुनिश्चित की जा सके। इसके उल्लंघन पर कार्रवाई के लिए हमने कानून बनाने की बात की है। साथ ही विशेष भर्ती आयोग बनाया जाएगा, जो पुराने लंबित मामलों में समाधान पेश करेगा।