लखनऊ: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पपेर लीक होने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संलिप्तता होने का आरोप लगाते हुये कहा कि इस मामले के तार सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोनू’ ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में टीईटी पेपर लीक मामले में भाजपा पर निशाना साधते हुये कहा कि विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने मुख्य आरोपी राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि अनूप प्रसाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर का रहने वाला है और बिहार के नरकटियागंज क्षेत्र से भाजपा विधायक रश्मि वर्मा का भाई है।
मोना ने कहा कि इस परीक्षा का प्रश्नपत्र छापने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक अनूप प्रसाद की परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय से सांठगांठ होने की बात भी जांच में सामने आयी है। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि अनूप की कंपनी मानकों पर खरी नहीं उतरती थी। उसके पास सिक्योरिटी प्रिंटिंग की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के आधार पर ही इस मामले में भाजपा नेताओं की संलिप्तता उजागर हो रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बदरपुर में जिस पते पर प्रिंटिग प्रेस होने की बात कही गयी थी, वहां बीयर का गोदाम मिला है। स्पष्ट है कि गोरखपुर का निवासी होने और भाजपा विधायक का भाई होने का अनूप प्रसाद को लाभ मिला। सत्ता के गलियारों में उसकी पैठ के कारण ही उसे प्रश्नपत्र छापने की जिम्मेदारी दी गयी।
मोना ने कहा कि योगी सरकार 20 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा जब सत्ता में आई थी तो 20 लाख नौकरी देने का वादा करती थीं। जबकि योगी ने खुद सदन में माना कि इस सरकार में मात्र 4.5 लाख नौकरी दी गई है।
उन्होंने पूछा कि योगी बार बार बुलडोजर चलाने की बात करते हैं। आखिर राय अनूप प्रसाद और संजय उपाध्याय जैसे लोगों के घरों पर बुलडोजर कब चलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब योगी सरकार ने बेरोजगारों के साथ छल किया है। मोना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी नौजवानों को नहीं, नकल माफियाओं को रोजगार दे रहे हैं। वादा था 70 लाख रोजगार देकर प्रदेश को अव्वल बनाने का लेकिन पेपर लीक कराने में अव्वल बना दिया।