आओ जड़ों से जुड़ें: कट्टरता के खिलाफ राज घाट से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का देश व्यापी आंदोलन

नई दिल्लीः देश में बढ़ती सांप्रदायिकता, मजहबों के बीच बढ़ते टकराव, समाज की दूरियों और समुदायों में फैलती कट्टरता को दूर करने के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने देश व्यापी आंदोलन का संकल्प लिया है जिसका मकसद है “आओ जड़ों से जुड़ें।” इसे लेकर नई दिल्ली के राज घाट पर स्थित गांधी स्मृति दर्शन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक दिवसीय ऑल इंडिया कांफ्रेंस का आयोजन किया। कार्यक्रम में देश भर से करीब एक हजार लोग उपस्थित हुए।

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कार्यक्रम के साथ साथ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पूरे देश में घर घर तिरंगा, हर घर तिरंगा अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, नागपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिजवान खान, राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्था आयोग (एनसीएमईआई) के सदस्य शाहिद अख्तर, मंसौर के सांसद सुधीर गुप्ता और गोस्वामी सुशील मुनि समेत अनगिनत बुद्धिजीवी एवं मंच के कार्यकर्ता शामिल हुए।

कार्यक्रम में शामिल लोगों ने भी अपनी अभिव्यक्ति जड़ों से जुड़ने को लेकर की। लगभग सभी वक्ताओं ने माना कि उनके पूर्वज और परंपराएं हिंद और हिंदुस्तान से जुड़ी हैं। वक्ताओं ने कहा कि भारत के 90 फीसदी से अधिक मुस्लिम इसी देश के पूर्वजों से जुड़े हैं जिनका सनातन धर्म था। इस मौके पर मंच के मुख्य संरक्षक वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम हिंदुस्तानी थे और हैं.. इस सफर का इम्तेहान हमें रोज देना है और 24 घंटे देना है। हम इससे बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि हमारा किरदार अच्छा और बुलंद हो। संघ नेता ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक अगस्त से 15 अगस्त तक घर घर तिरंगा, हर घर तिरंगा, खेत खलिहान दुकान तिरंगा अभियान चलाने का आह्वान किया। इस अभियान की शुरुवात राज घाट पर तिरंगा यात्रा निकाल के की गई।

इससे पहले कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार ने ओवैसी, तौकीर रजा और बादुद्दीन अजमल जैसे नेताओं और पीएफआई, मुस्लिम लीग, मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे संगठनों पर कटाक्ष करते हुए प्रश्न किया कि क्या ऐसे लोग एवं संस्थाएं मादरे वतन हिंदुस्तान बोलते हैं? उन्होंने कहा कि हमारी पहचान हमारे वतन से है और हमारा डीएनए एक है परंतु ओवैसी लोगों ने जिनका काम कट्टरता फैलाना है वो ऐसा मानने से इंकार करते हैं। जबकि एक घटना का जिक्र करते हुए संघ नेता ने कहा कि ओवैसी को भी उस समय अपनी बेवकूफी पर चुप रहना पड़ा जब उनसे उनके शिजरे के बारे में पूछा गया तो चार पीढ़ी के बाद पता चला कि उनका परिवार भी धर्म परिवर्तन कर के हिंदू से मुसलमान बना है।

इंद्रेश कुमार ने डीएनए की नई परिभाषा देते हुए कहा कि जहां तक व्यक्ति के डीएनए का प्रश्न है हम सब की पहचान हमारे सपने (ड्रीम), वतन (नेशन) और पूर्वजों (एंसेस्टर) से जुड़ी होती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब हम सोते हैं तो सपने में जो दृश्य दिखता है वो हमारी मातृभाषा में होता है और हमारे वतन से ही जुड़ा होता है। संघ नेता ने व्यंग करते हुए कहा कि जाहिर है सपने पर किसी का जोर नहीं होता, वहां हम ये नहीं कह सकते कि अगर हिंदी या हिंदुस्तानी सपना आया और अरबी भाषा या अरब देश से जुड़ा सपना नहीं आया तो ‘ सर तन से जुदा’!! सपने पर बंदे का नहीं परवरदिगार का ज़ोर चलता है।

संघ नेता ने कहा कि दंगा मुक्त हिंदुस्तान, छुआ छूत मुक्त हिंदुस्तान, प्रदूषण मुक्त हिंदुस्तान, अनपढ़ता मुक्त हिंदुस्तान और बेरोजगारी मुक्त हिंदुस्तान… जिसमें नफरत, दंगा और हिंसा नहीं बल्कि मोहब्बत, भाईचारे और सकून हो… इसके लिए जरूरी है अपने जड़ों से जुड़ना। उन्होंने कहा कि यह एक आंदोलन है। जब हम जड़ों से जुड़ेंगे तो सारे झगड़े झंझट सब अपने आप दूर होने लगेंगे और हम एक दूसरे के सहयोग और मदद के लिए आगे बढ़ेंगे।