सीएम केजरीवाल ने किया मौलाना आज़ाद का अपमान, लोगों से माफ़ी मांगें: कलीमुल हफ़ीज़

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ग़लत बयानी और देश के पहले कामयाब शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का अपमान किये जाने पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने अपना सख़्त रद्द अमल ज़ाहिर किया है और सीएम केजरीवाल से माफ़ी मांगने की मांग की है।

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उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मनीष सिसौदिया को आज़ादी के बाद से दिल्ली नहीं बल्कि देश का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री घोषित किया है। केजरीवाल का यह बयान कि “मनीष सिसोदिया देश में शिक्षा क्रांति के जनक हैं और स्वतंत्र भारत में सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री हैं” क़ाबिल ए मज़म्मत है। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मनीष सिसोदिया हों या कोई और, ये मौलाना आज़ाद के पैरों की धूल नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद ने आई आई टी जैसा इदारा क़ायम किया, साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की, 14 साल तक बच्चों की शिक्षा को मुफ़्त रखा। वैज्ञानिक संस्थानों के साथ-साथ उन्होंने साहित्य  अकादमी, नृत्य कला अकादमी, सांस्कृतिक केंद्र और अनगिनत अन्य संस्थानों की भी स्थापना की। ये सभी कार्य मौलाना आज़ाद ने ऐसे समय में किए थे जब भारत में उपर्युक्त संस्थाओं की कल्पना करना मुश्किल था। वह एक बेदाग़ नेता और देश के क्रांतिकारी नेता थे लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मौलाना आज़ाद  का अपमान किया और उन्हें एक ऐसे नेता से भी बड़ा बता दिया  जो दाग़ी है, जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप है और जो जेल जाने वाला है। सीएम केजरीवाल ने ख़ुद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा किया था।

एमआईएम नेता ने कहा कि मौलाना आज़ाद का अपमान किया जा रहा है और कांग्रेस मूकदर्शक बनी हुयी है, वह अपने नेता का बचाव भी नहीं कर सकती क्योंकि वह मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल के मुस्लिम लीडरान को गिरफ़्तार किया जाता है या जेल भेजा जाता है, तब  वो चुप रहते हैं, एक टवीट भी नहीं करते, लेकिन जब एक हिंदू मंत्री को गिरफ़्तार किया जाता है तो वो तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और क़सीदा ख़्वानी करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि केजरीवाल अपनी ग़लत बयानी के लिए देश के लोगों से तुरंत माफ़ी मांगें। अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं तो हम विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।