नई दिल्लीः फ़लस्तीन के गाजा में बच्चों के एक समूह ने पूरी दुनिया आह्वान किया है,कि फ़लस्तीन को बचाया जाए। बच्चों का यह समूह बीते रोज़ को गाज़ा पहुंचा था। इस समूह ने गाजा बंदरगाह पर इकट्ठा होकर, अपने सपनों और भावनाओं को उजागर करते हुए पत्र लिखे, और उन पत्रों को बोतलों में रखकर इस उम्मीद में समुद्र में फेंक दिया कि वे दुनिया में पहुंच जाएंगे।
इन बच्चों ने विश्व से आह्वान किया है कि विश्व एक एन्क्लेव पर लगाई गई लगभग 15 साल पुरानी घेराबंदी को हटाने और एक सभ्य जीवन स्तर का अधिकार प्रदान करने करने के लिये आगे आए। उन्होंने कहा कि इजरायल द्वारा बच्चों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए और गाजा के अंदर और बाहर क्रॉसिंग को खुला रखना चाहिए ताकि वे फ़लस्तीनियों तक बुनियादी अधिकार पहुंच सकें।
गाज़ा में पहुंचे बच्चों के इस समूह ने फ्रांस, इराक, मोरक्को और स्पेन समेत कई देशों के झंडे फहराए गए, साथ ही कुछ बच्चों ने गुब्बारों पर फ़लस्तीन की आज़ादी की मांग का पैग़ाम लिखकर उन्हें हवा में उड़ा दिया। जानकारी के लिये बता दें कि बीते महीने फ़लस्तीन और इज़राइल के बीच हुए संघर्ष में 262 फ़लस्तीनी मारे गए थे, इनमें बड़ी संख्या बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की थी।
गाजा बंदरगाह पर बच्चों ने अपने सपनों और भावनाओं को पत्र लिखकर उन्हें बोतल में बंद करके इस उम्मीद के साथ समुंद्र में फेंक दिया कि उनका संदेश बाक़ी दुनिया तक पहुंच जाएगा। (तस्वीर मोहम्मद असद/ मिडिल ईस्ट मॉनिटर से सभार)
गाजा बंदरगाह पर बच्चों ने अपने सपनों और भावनाओं को पत्र लिखकर उन्हें बोतल में बंद करके इस उम्मीद के साथ समुंद्र में फेंक दिया कि उनका संदेश बाक़ी दुनिया तक पहुंच जाएगा। (तस्वीर मोहम्मद असद/ मिडिल ईस्ट मॉनिटर से सभार)
गाज़ा में पहुंचे बच्चों के इस समूह ने फ्रांस, इराक, मोरक्को और स्पेन समेत कई देशों के झंडे फहराए गए, साथ ही कुछ बच्चों ने गुब्बारों पर फ़लस्तीन की आज़ादी की मांग का पैग़ाम लिखकर उन्हें हवा में उड़ा दिया। (तस्वीर मोहम्मद असद/ मिडिल ईस्ट मॉनिटर से सभार)
गाज़ा में पहुंचे बच्चों के इस समूह ने फ्रांस, इराक, मोरक्को और स्पेन समेत कई देशों के झंडे फहराए गए, साथ ही कुछ बच्चों ने गुब्बारों पर फ़लस्तीन की आज़ादी की मांग का पैग़ाम लिखकर उन्हें हवा में उड़ा दिया। (तस्वीर मोहम्मद असद/ मिडिल ईस्ट मॉनिटर से सभार)
जानकारी के लिये बता दें कि बीते महीने फ़लस्तीन और इज़राइल के बीच हुए संघर्ष में 262 फ़लस्तीनी मारे गए थे, इनमें बड़ी संख्या बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की थी। (तस्वीर मोहम्मद असद/ मिडिल ईस्ट मॉनिटर से सभार)